छत्रपति संभाजीनगर में हुई डकैती में कुछ पुलिसकर्मी शामिल थे। (सौजन्यःसोशल मीडिया)
छत्रपति संभाजीनगर: जिला पालकमंत्री संजय शिरसाट ने रविवार को एक संवाददाता सम्मेलन में सनसनीखेज बयान देते हुए कहा कि उन्हें पिछले कुछ दिनों में शहर में हो रही लूटपाट और चोरी में कुछ पुलिस अधिकारियों की संलिप्तता के बारे में शिकायतें मिली हैं और उन्होंने पुलिस आयुक्त से इस बारे में तथ्यों का पता लगाने को कहा है। बता दें कि पिछले कुछ दिनों में शहर की भीड़भाड़ वाली कॉलोनियों में लूट की वारदातें हो रही हैं। इससे शहरवासियों में दहशत का माहौल है।
जब पालकमंत्री संजय शिरसाट ने इस ओर ध्यान दिलाया तो उन्होंने कहा कि शहर में हुई लूट की वारदातों में कुछ पुलिस अधिकारियों की संलिप्तता की शिकायतें मिली हैं। क्योंकि, कुछ लुटेरे और चोर ऐसी वारदातों को अंजाम देने से कतराते हैं। उनके पीछे एक चेन होती है। इस चेन को खोजने के लिए पुलिस आयुक्त को निर्देश दिए गए हैं।
उद्धव सेना द्वारा लगाए गए बैनरों के बारे में पूछे जाने पर, पालकमंत्री ने कहा, “बैनर लगाने से पार्टी मजबूत नहीं होती है। उन्हें लीकेज को रोकना चाहिए। वे बैनर लगा रहे हैं क्योंकि उन्हें अकेले ही आगे बढ़ना है। उन्हें एक बैठक करनी चाहिए, लेकिन कार्यकर्ताओं से पूछना चाहिए कि क्या उन्हें एआईएमआईएम को साथ लेना चाहिए और आंतरिक गुटबाजी को भी देखना चाहिए,” उन्होंने उद्धव सेना को कठोर सलाह दी।
महिला आयोग की अध्यक्ष की आलोचना करने वाले विपक्ष के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मैं महिला आयोग के बारे में ज्यादा बात नहीं करूंगा। इस बारे में मुख्यमंत्री फैसला लेंगे, हम उम्मीद करते हैं कि महिला आयोग अपना काम बखूबी करेगा। अगर राज और उद्धव ठाकरे साथ आते हैं तो आने दीजिए। हम उनका स्वागत करेंगे। लेकिन, उनके बीच कुछ और लोग भी हैं जो बंटे हुए हैं, इसलिए हमें लगता है कि उनका साथ आना सिर्फ चर्चा है।
पूरे राज्य में मजदूरों की रोजमर्रा की जरूरतों में बहुत भ्रष्टाचार हुआ है। मेरे पीए छत्रपति संभाजीनगर में रहते हैं। उन्हें सांगली से बर्तन खरीदने के लिए फोन आया था, इसलिए यह राज्यव्यापी घोटाला है। पालकमंत्री ने कहा कि वे मांग करते हैं कि मुख्यमंत्री इस घोटाले की जांच करें।
पुलिस आयुक्त प्रवीण पवार ने कहा कि सातारा थाने में अपहरण के एक मामले में शिरसाठ नामक अनुपस्थित पुलिस अधिकारी को 15 दिन के भीतर ही सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। बाकी के मामले में किसी अन्य अपराध में पुलिस की प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संलिप्तता या नाम का कोई सबूत नहीं है, न ही इसका खुलासा हुआ है। अधिकांश गृहभेदन और डकैती के अपराधों का खुलासा हो चुका है। हम शेष अपराधों का खुलासा करने का लगातार प्रयास कर रहे हैं, लेकिन पुलिस ऐसे किसी अपराध में संलिप्त नहीं है। अगर ऐसा पाया जाता है तो हमारा “नो टॉलरेंस” रुख है। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।