प्रतीकात्मक तस्वीर ( सोर्स: सोसल मीडिया )
Railway Capacity Expansion: छत्रपति संभाजीनगर भारतीय रेलवे ने देश के 48 प्रमुख शहरों में अगले पांच वर्षों में रेल क्षमता दोगुनी करने की महत्वाकांक्षी योजना बनाई है।
इस योजना में राज्य के मुंबई, पुणे और नागपुर को शामिल किया गया है, लेकिन पर्यटन राजधानी के रूप में पहचान रखने वाला छत्रपति संभाजीनगर इससे बाहर रखा गया है।
इससे शहर में रेल सेवाओं के विस्तार को लेकर नाराजगी देखी जा रही है। योजना के तहत यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए प्रमुख शहरों में नई रेल लाइनें, अतिरिक्त प्लेटफॉर्म, स्टेबलिंग लाइन, पिट लाइन और एरिया यार्ड जैसी सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
साथ ही शहरों के आसपास नए टर्मिनल विकसित कर यात्री सुविधाएं बेहतर की जाएंगी। मेगा कोचिंग कॉम्प्लेक्स के साथ रखरखाव सुविधाएं बढ़ाने का भी प्रस्ताव है।
रेलवे का अनुमान है कि आने वाले वर्षों में यात्री यातायात में तेजी से वृद्धि होगी। इसी को ध्यान में रखते हुए 2030 तक चयनित शहरों में रेल संचालन की क्षमता वर्तमान से दोगुनी करने की योजना तैयार की गई है।
लेकिन इस सूची में छत्रपति संभाजीनगर का नाम न होने से रेलवे सेवा में यहां अपेक्षित सुधारों पर ब्रेक लगने की आशंका जताई जा रही है। रेल विशेषज्ञों का कहना है कि शहर पर्यटन और औद्योगिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
बावजूद इसके योजना से बाहर रखा जाना समझ से परे है। बढ़ती ट्रेनों के संचालन के लिए यहां अतिरिक्त आधारभूत सुविधाओं की आवश्यकता है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।
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शहर को योजना में शामिल कराने के लिए रेलवे मंत्रालय को पत्र भेजने की तैयारी की जा रही है। इसमें छत्रपति संभाजीनगर की बढ़ती जनसंख्या, पर्यटन महत्व और औद्योगिक विकास का हवाला देकर योजना में शामिल करने की मांग की जाएगी।
योजना के अंतर्गत टर्मिनल की क्षमता बढ़ाते समय उसके आसपास के क्षेत्रों के विकास पर भी विचार किया जाएगा, ताकि यातायात का संतुलन बना रहे। उदाहरण के तौर पर पुणे में हडपसर, खडकी और आंढी जैसे क्षेत्रों में प्लेटफॉर्म विस्तार और लाइनों को स्थिर करने की योजना है।
यदि छत्रपति संभाजीनगर को इसमें शामिल किया जाता है, तो मुकुंदवाडी और विकलथाना जैसे रेल स्टेशनों का भी विकास संभव हो सकेगा, शहरवासियों और जनप्रतिनिधियों की मांग है कि रेल क्षमता दौगुनी करने की इस महत्वपूर्ण योजना में छत्रपति संभाजीनगर को शामिल कर न्याय दिया जाए।