उपमुख्यमंत्री अजित पवार (pic credit; social media)
Mumbai News: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने मंगलवार को कहा कि राज्य सरकार आश्वस्त है कि बारिश से प्रभावित किसानों को दशहरा तक वित्तीय सहायता अंतरित कर दी जाएगी। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 30 जिलों के 654 राजस्व क्षेत्रों की 195 तालुका में 19.5 लाख हेक्टेयर भूमि में खरीफ फसलें प्रभावित हुई हैं।
छत्रपति संभाजीनगर में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पवार ने कहा कि अधिकारियों को बारिश से प्रभावित जिलों में हुए फसलों के नुकसान का शीघ्र सर्वेक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं। इस अवसर पर शिवसेना (उबाठा) के पूर्व नेता एवं पूर्व विधायक शिवाजीराव चोथे अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा में शामिल हो गए।
पवार ने कहा, ‘‘छत्रपति संभाजीनगर, जालना, बीड और नांदेड़ इलाकों में भारी बारिश दर्ज की गई जबकि पैठण के कुछ इलाकों में पानी अब भी कम नहीं हुआ है। सरकार किसानों के साथ मजबूती से खड़ी है और मराठवाड़ा के जिला प्रशासन को फसल नुकसान का सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया गया है। संरक्षक मंत्री सर्वेक्षण की निगरानी करेंगे।”
उन्होंने कहा कि बारिश से प्रभावित जिलों के जिलाधिकारियों को फसलों को हुए नुकसान की रिपोर्ट जल्द ही राज्य सरकार को भेजने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने मराठवाड़ा क्षेत्र में अत्यधिक भारी बारिश पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘हम वित्तीय सहायता सीधे किसानों के बैंक खातों में अंतरित करेंगे। सरकार आशान्वित है कि यह प्रक्रिया दशहरा (दो अक्टूबर) तक पूरी हो जाएगी।”
इस बीच कृषि मंत्री दत्तात्रय भरणे ने कहा कि अगस्त और सितंबर में भारी बारिश से महाराष्ट्र के 30 जिलों में 17.85 लाख हेक्टेयर भूमि में फसलों को नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा कि कुछ जिलों में पंचनामा (भू आकलन) का काम पूरा हो चुका है और मुआवजा वितरित किया जा चुका है।
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आंकड़ों के अनुसार सोयाबीन, मक्का, कपास, अरहर, उड़द, मूंग, सब्जियां, फल, बाजरा, गन्ना, प्याज, ज्वार और हल्दी को सबसे अधिक नुकसान हुआ है। अगस्त और सितंबर में भारी बारिश के कारण सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में नांदेड़ शामिल है, जहां 7.28 लाख हेक्टेयर में फसलें प्रभावित हुईं और इसके बाद यवतमाल, वाशिम, धाराशिव, अकोला, सोलापुर तथा बुलढाणा का स्थान है। -एजेंसी इनपुट के साथ