
एमजीएम यूनिवर्सिटी में नाना पाटेकर व अन्य (सोर्स: सोशल मीडिया)
Nana Patekar Speech In MGM University: छत्रपति संभाजीनगर के महात्मा गांधी मिशन यूनिवर्सिटी में भारतीय विश्वविद्यालय संघ के 39वें अंतर-विश्वविद्यालय केंद्रीय क्षेत्र युवा महोत्सव का भव्य उद्घाटन 25 नवंबर को हुआ। इस समारोह में प्रसिद्ध अभिनेता पद्मश्री नाना पाटेकर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए और उन्होंने छात्रों के उत्साह को बढ़ाया। यह पहली बार है जब एमजीएम विश्वविद्यालय को जोनल स्तर के इस महोत्सव की मेजबानी का गौरव प्राप्त हुआ है।
अभिनेता नाना पाटेकर ने कहा कि यदि आप इस युवा महोत्सव का सदुपयोग करें तो यहां से बड़े-बड़े कलाकार तैयार होंगे। संदेह मन में न रखें और अपना सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुत करें। भारतीय विश्वविद्यालय संघ द्वारा आयोजित 39 वें अंतर-विश्वविद्यालयीय मध्य क्षेत्र युवा महोत्सव का भव्य शुभारंभ मंगलवार की सुबह एमजीएम विश्वविद्यालय परिसर के जेएनईसी प्रांगण में संपन्न हुआ।
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नाना पाटेकर ने दीप प्रज्वलित कर उद्घाटन किया। गोंधल नृत्य प्रस्तुति के बीच हुए इस आरंभ समारोह में उन्होंने उपस्थित विद्यार्थियों से संवाद साधा। मंच पर एमजीएम के उपाध्यक्ष डॉ. पीएम जाधव, विश्वस्त भाऊसाहाब राजले, कुलपति डॉ. विलास सपकाल, कुलसचिव डॉ. आशिष गाडेकर, भारतीय विश्वविद्यालय संघ के अधिकारी डॉ. निर्मल जौरा, दीपक कुमार झा तथा महोत्सव सचिव डॉ. शिव कदम सहित अनेकों उपस्थित थे।
उन्होंने कला के माध्यम से समाज और राजनीति पर अभिव्यक्ति की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि दुनिया की हर क्रांति का प्रारंभ रंगमंच से ही हुआ है। पचास वर्षों के अपने अनुभव का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि अभी भी बहुत कुछ सीखना बाकी है।
नाना पाटेकर ने अपने विद्यार्थी जीवन की कठिनाइयों को स्मरण करते हुए कहा “विद्यार्थी अवस्था में मैं प्रतिदिन 8-8 किलोमीटर पैदल जाकर काम करता था। मुझे 35 रुपए और भोजन मिलता था। दो समय का भोजन मिलना भी कठिन था, परंतु पेट में भूख और मन में दृष्टि थी। उन्होंने बताया कि नाम’ संस्था के माध्यम से किसानों के बीच काम करते हुए उन्हें अनुभव हुआ कि किसानों का दुःख कहीं अधिक गहरा है।
इस अवसर पर एमजीएम ट्रस्ट के उपाध्यक्ष डॉ. पीएम जाधव ने कहा कि “महोत्सव आनंद के साथ सीखने का माध्यम भी है। कुलपति डॉ. विलास सपकाल ने कहा कि “क्रीड़ा, अनुसंधान और संस्कृति शिक्षा प्रक्रिया के मूल अंग हैं। एमआययू के अधिकारी डॉ. निर्मल जोरा ने कहा कि “मेरे लिए यह केवल मध्य क्षेत्र का नहीं, बल्कि पूरे देश के युवा महोत्सवों का आरंभ है। कुलसचिव डॉ. आशिष गाडेकर, ने कहा “युवा महोत्सव का आयोजन करना हमारे लिए गौरव का विषय है।






