आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (सौजन्य : सोशल मीडिया)
Chhatrapati Sambhajinagar News: सूचना प्रौद्योगिकी के दौर में पारंपरिक खेती के दिन अब लद गए हैं और कृषि क्षेत्र अब डिजिटल युग में प्रवेश करने जा रहा है। पारंपरिक खेती से तकनीकी आधारित खेती की ओर बढ़ रहे अन्नदाता अर्थात किसानों के लिए राज्य सरकार ने ‘महाविस्तार एआई एग्रीकल्चर एप’ लॉन्च किया है।
कृषि विभाग का दावा है कि यह तकनीक किसानों के लिए ब्रह्माख साबित होगी। दावा किया जा रहा है कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर आधारित यह एप किसानों को वैज्ञानिक सलाह देकर उनके उत्पादन को बढ़ाने व खर्च कम करने में मदद करता है।
इसके जरिए किसान AI जान सकेंगे कि उनके क्षेत्र में कब व कितनी बारिश होगी। यही नहीं, उन्हें कौन सी फसलें उगानी चाहिए व कौनसी व कितनी मात्रा में खाद देनी चाहिए, फसलों पर रोग की स्थिति में कौन से सप्रे का इस्तेमाल करें।
समझा जाता है कि किसानों के अपनी खेतों की जानकारी ऐप में भरने के यह तकनीक विश्लेषण कर तत्काल सलाह देती है। विशेष बात यह है कि सिल्लोड़ तहसील के कई किसानों ने इस आधुनिक एप का उपयोग भी शुरू कर दिया है और इसके परिणाम उत्साहजनक रहे हैं। उनका कहना रहा कि एप के इस्तेमाल से न केवल पानी की बर्बादी रोकी गई, बल्कि रोग पहचानने की क्षमता बढ़ी और उत्पाद में 30 से 50 फीसदी तक वृद्धि पाई गई है। इसकी मदद से अब खेती में भविष्य के लिए पूर्वानुमान संभव हो गया है।
सिल्लोड तहसील कृषि अधिकारी डॉ संदीप जगताप ने कहा है कि यह सिर्फ एप नहीं, बल्कि डिजिटल 66 कृषि प्रति है। यह किसनों की सहम के बनाने के साथ ही वैज्ञानिक सोच की और ले जाता ना है। इससे मौसम परिवर्तन के समय भी खेती अधिक सक्षम होगी, जिन किसानों ने इसे डाउनलोड नहीं ने किया, वे तुरंत इसे डाउनलोड करें, किसी तकनीकी समस्या वा जानकारी के लिए कृषि अधिकारी कार्यालय से संपर्क करें।
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पहले किसान को कृषि कार्यालय उजड़कर इसकी जानकारी लेते थे, पर अब यह पूरी जानकारी मोबाइल पर उपलब्ध है, किसानों के लिए निःशुल्क एप डिजिटल युग की खेती का भविष्य है। इससे किसान अपने क्षेत्र में अगले सप्ताह का मौसम पहले से ही जानकर खेत्ती का प्रबंधन कर सकते हैं। इसमें मौसम का पूर्वानुमान, मिट्टी में नमी जांच, नरोग नियंत्रण, बाजार भाव व खेती नियोजन आदि सुविधाएं शामिल है। किसान प्रभाकर पाढरे ने उन्होंने इस एप का इस्तेमाल शुरू करने के बाद फसलों की देखभाल आसान हो गई है। खाद का उपयोग 25% कम होने के साथ ही उत्पादन भी बढ़ा है। यह ऐप मेरे खेत का डिजिटल साथी बन गया है।।