जालना इंडस्ट्रियल एरिया (सौ. सोशल मीडिया )
Jalna News In Hindi: एक समय था जब जालना औद्योगिक वसाहत राज्य के उभरते औद्योगिक केंद्रों में गिनी जाती थी। हजारों लोगों को रोजगार देने वाले कारखाने, मशीनों की गूंज व ट्रकों की आवाज इस क्षेत्र की पहचान हुआ करती थी। आज तस्वीर बदल चुकी है।
जालना का औद्योगिक क्षेत्र अब अपनी ही जर्जर बुनियादी व्यवस्था के बोझ तले कराह रहा है। इन सभी समस्याओं की गंभीरता को लेकर जालना इंडस्ट्रीयल एंटरप्रिनियोर्स एसोसिएशन ने उद्योग मंत्री उदय सामंत से तत्काल हस्तक्षेप की मांग कर विकास की रफ्तार बढ़ाने का अनुरोध किया है।
एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने विधायक अर्जुन खोतकर के निवास पर मंत्री से मुलाकात कर क्षेत्र की दुर्दशा का विस्तृत ब्यौरा पेश कर हस्तक्षेप की मांग की। उनका कहना था कि, सड़कें गड्डों में समा गई हैं और बिजली की पुरानी तारें बार-बार टूट रही हैं।
जल निकासी की व्यवस्था पूरी तरह से अव्यवस्थित है। पार्किंग की कमी से रोजाना ट्रैफिक जाम व दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है। इस हालत ने छोटे व मध्यम उद्योगों को आर्थिक रूप से कमजोर कर दिया है। हालत यह है कि उत्पादन घट रहा है व समय पर आपूर्ति नहीं हो पा रही है।
मजदूरों की रोजी-रोटी भी प्रभावित हो रही है।इन सभी समस्याओं की गंभीरता को लेकर जालना इंडस्ट्रियल एंटरप्रिनियोर्स एसोसिएशन ने उद्योग मंत्री उदय सामंत से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। बैठक में उपस्थित एसोसिएशन के सचिव अर्जुन गेही, उद्यामी केदार मूंदड़ा, पंकज कासलीवाल, अविनाश देशपांडे, गोविंद गोयल, शुभम सोनी, कृष्णा बगड़िया, यश पुरी, आदित्य बगड़िया, बीरेंद्र धोका व अक्षय गेही ने मंत्री को बताया कि उद्योग क्षेत्र की विद्युत व्यवस्था गत 45 वर्षों से पुरानी और जीर्ण होने से हर दूसरे दिन ट्रान्सफॉर्मर फेल होते हैं।
बिजली के तार टूट जाते हैं व लंबे समय तक मरम्मत नहीं हो पाती क्योंकि कर्मचारी पर्याप्त नहीं है। उन्होंने मंत्री को बताया किः कई बार उत्पादन रुक जाता है, कच्चा माल बर्बाद होता है व मजदूरों को घर भेजना पड़ता है। इस तरह हम उद्योग चलाते हैं या संघर्ष लड़ते हैं, समझ नहीं आता।
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एसोसिएशन ने मांग की कि औद्योगिक क्षेत्र के तीसरे चरण में नया 33 केवी उपकेंद्र स्थापित किया करने, पर्याप्त तकनीकी कर्मियों की नियुक्ति करने, औद्योगिक क्षेत्र के लिए स्वतंत्र विद्युत उपविभाग बनाने, मजबूत व टिकाऊ सीमेंट सड़कें बनाने, पार्किंग की समस्या सुलझाने, औद्योगिक क्षेत्र में सार्वजनिक शौचालयों व पार्किंग परिसर का निर्माण शीघ्र करने, वर्षा जल निकासी व सीवेज प्रबंधन की व्यवस्था सुधारने, उद्यमियों व कर्मियों के प्रशिक्षण के लिए कन्वेंशन हॉल बनाने, औद्योगिक वसाहत तक पहुंचने के लिए सिटी बस सेवा शुरू करने की मांग भी रखी गई।