छत्रपति संभाजीनगर महानगरपालिका (सौ. सोशल मीडिया )
Chhatrapati Sambhaji Nagar News In Hindi: डीपी प्लान के अनुसार शहर के विकास के लिए बीते कुछ माह से शहर के सडकों के चौडीकरण के लिए अतिक्रमण हटाने के साथ ही कुछ संपत्तियों को अपने कब्जे में लिया जा रहा है।
पुलिस बंदोबस्त न मिलने से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई रुकी हुई है। दशहरा होते ही दोबारा अतिक्रमण हटाओ मुहिम शुरू होगी। यह जानकारी मनपा प्रशासक व आयुक्त जी श्रीकांत ने देते हुए साफ कहा कि जो संपत्ति धारक बिना परमिशन घर का निर्माण करेंगा, उस संपत्ति पर हथौडा चलना तय है। यह कार्रवाई रुकना असंभव है। उन्होंने अतिक्रमण हटाओ मुहिम के लिए शहर के जनप्रतिनिधियों के मिले सहयोग पर कहा कि शहर के विकास के लिए यह मुहिम जरूरी है।
मनपा प्रशासन ने सालों से अनधिकृत निर्माण कार्यों की अनदेखी की। जिसके चलते आज शहर में प्रशासन को इतने बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हटाओ मुहिम चलानी पड़ रही है।। एक सवाल के जवाब में मनपा प्रशासक जी श्रीकांत ने बताया कि जिन इलाकों में अतिक्रमण हटाना बाकी है, उन इलाकों में मनपा प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाने के लिए मार्किंग करते ही कई लोग खुद से अपने अतिक्रमण हटा रहे है।
बुधवार को मुख्यमंत्री शहर के दौरे पर आ रहे है, उसके बाद घट स्थापना व दशहरे तक शहर में कडा पुलिस बंदोबस्त तैनात रहेगा। जिसके चलते इन दिनों अतिक्रमण हटाओं को ब्रेक लगा है।जी। श्रीकांत ने साफ कहा कि शहर विकास प्रारूप के अनुसार रास्ता चौड़ीकरण में बाधा लाने वाले तथा बिना परमिशन के निर्माण की गई इमारतों व घरों पर हथौडा चलना तय है। उन्होंने बताया कि हाल ही में मैंने गाडे चौक से सातारा को जाने वाले रास्ते का दौरा कर वहां अतिक्रमण किए नागरिकों से चर्चा की। तब वहां के लोगों ने घर के बदले घर की मांग की। ऐसे में भविष्य मनपा व म्हाडा द्वारा निर्माण की जाने वाले घरों की योजना में आरक्षण रखना ही होगा।
शहर में तेजी से इंडस्ट्रियल ग्रोथ बढ़ रही है। टोयोटा के अलावा कई अन्य कंपनियां यहां आने के बाद रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। ऐसे में शहर का विकास तेजी से होना जरूरी है। जी। श्रीकांत ने कहा कि आगामी 10 साल शहर के विकास के लिए काफी महत्वपूर्ण है।
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मनपा प्रशासक जी, श्रीकांत ने बताया कि प्रशासन द्वारा जिन इलाकों में डीपी प्लान पर काम करते हुए जिन अधिकृत संपत्तियों को हटाया गया। उन सपत्ति धारकों को टीडीआर दिया जा रहा है। उन्होंने माना कि जबसे मनपा प्रशासन ने डीपी प्लान पर अमलीजामा पहनाने के लिए सड़कों को चौड़ीकरण करने का अभियान शुरू किया, उसके बाद से टीडीआर के दाम बढ़े है। पहले टीडीआर के दाम 30 रुपये था, अब बढ़कर 50 से 55 रुपए पर पहुंच चुका है। हालांकि, टीडीआर को लेकर बिल्डरों की संगठन क्रेडाई ने पहले नाराजगी जतायी थी, लेकिन, प्रशासन ने उन्हें साफ कहा कि शहर के विकास के लिए टीडीआर जरूरी है।