संभाजीनगर में भारी बारिश (pic credit; social media)
Heavy Rain in Sambhajinagar: छत्रपति संभाजीनगर में बीते सप्ताह लगातार हुई जोरदार बारिश ने जिले की तस्वीर बदल दी है। एक ओर बांध और तालाब लबालब भरकर जल संसाधनों को समृद्ध कर रहे हैं, तो दूसरी ओर यही अतिवृष्टि किसानों के लिए आफत बनकर टूटी है।
जिला सिंचाई विभाग की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, जिले की 6 मध्यम परियोजनाओं में से 5 पूरी क्षमता से भर चुकी हैं। केवल धामना परियोजना में अभी 86.43 प्रतिशत जलसंचय है। वहीं, 60 में से 51 लघु तालाब 100 प्रतिशत क्षमता तक भर गए हैं। आंकड़ों पर नज़र डालें तो वर्तमान में जिले में कुल 208.89 दलघमी (घनमीटर दशलक्ष) जलसंचय है, जो कुल क्षमता का लगभग 75 प्रतिशत है।
कल्याण गिरीजा, कल्याण मध्यम (जालना तहसील), अपर दुधना (बदनापुर), जुई (भोकरदन), जीवरेखा (जाफराबाद) और गल्हाटी (अंबड़) प्रकल्प अब पूरी तरह शत-प्रतिशत भर चुके हैं। लघु परियोजनाओं में भी 76 से 100 प्रतिशत तक पानी है। यानी पीने और सिंचाई के लिए आने वाले महीनों में पानी की कोई किल्लत नहीं होगी।
लेकिन यह तस्वीर सिर्फ आधी हकीकत है। दूसरी ओर, लगातार हुई अतिवृष्टि ने किसानों की कमर तोड़ दी है। जिले के करीब साढ़े तीन लाख हेक्टेयर क्षेत्र की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं। खेतों में खड़ी सोयाबीन, कपास और मक्का जैसी मुख्य फसलें पानी में डूब गई हैं। इससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है।
जिला प्रशासन के मुताबिक, इस साल अब तक औसत से 40 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है। जिले में अब तक 842.40 मिमी (139.70 प्रतिशत) वर्षा दर्ज की गई है। बारिश ने जहां जलसंपदा को समृद्ध किया है, वहीं गांव-गांव में किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें और गहरी कर दी हैं।
स्थानीय किसान संगठनों का कहना है कि सरकार को जल्द से जल्द फसल नुकसान का सर्वे कर प्रभावित किसानों को मुआवजा देना चाहिए। किसान नेता खुले तौर पर कह रहे हैं कि अगर समय पर मदद नहीं मिली तो आने वाले दिनों में हालात और गंभीर हो सकते हैं।