प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स: AI)
NCRB Report On Child Crimes: भारत में सबसे जघन्य अपराधों में से एक बाल बलात्कार की घटनाओं में साल दर साल वृद्धि हो रही है। चिंताजनक बात यह है कि अधिकांश मामलों में अपराधी पीड़िता का कोई जानने वाला, जजैसे परिवार का कोई सदस्य, दोस्त वा पड़ोसी ही निकलता है।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीपी) की 2023 की रिपोर्ट के अनुसार भारत में 2023 में पॉक्सो अधिनियम की धारा 4 और 6 के तहत बाल बलात्कार के 40,434 मामले दर्ज किए गए इनमें से सर्वाधिक मामले महाराष्ट्र 4,800 में दर्ज किए गए। इसके बाद मध्य प्रदेश 3,866, गतर प्रदेश 3,728, तमिलनाडु 3,407, कर्नाटक 3,101 और गुजरात 2.279 का नंबर आता है।
वर्ष 2013 में दर्ज किए गए सभी बाल बलात्कार मामलों में से 97 प्रतिशत मामले किसी परिचित व्यक्ति द्वारा किए गए थे। ओडिशा, झारखंड, त्रिपुरा और मिजोरम सहित 10 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सभी बाल बलात्कार किसी परिचित व्यक्ति द्वारा किए गए थे।
इसके बाद महाराष्ट्र और तमिलनाडु में 99.9 प्रतिशत और कर्नाटक और तेलंगाना में 99.8 प्रतिशत मामले दर्ज किए गए कुल मिलाकर 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 99 प्रतिशत से अधिक बाल बलात्कार के मामले किसी परिचित व्यक्ति द्वारा किए हर, जो स्थिति की गंभीरता को दशति हैं। साथ ही यह प्रश्न भी खड़ा करता है कि बच्चों की सुरक्षा अपनों से कैसे की जाए।
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रैंक | राज्य | केस संख्या |
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1 | महाराष्ट्र | 4,600 |
2 | मध्य प्रदेश | 3,866 |
3 | उत्तर प्रदेश | 3,728 |
4 | तमिलनाडु | 3,407 |
5 | कर्नाटक | 3,101 |
6 | गुजरात | 2,279 |
7 | राजस्थान | 1,867 |
8 | असम | 1,822 |
9 | प. बंगाल | 1,822 |
10 | तेलंगाना | 1,760 |
11 | केरल | 1,799 |
12 | हरियाणा | 1,444 |
13 | दिल्ली | 1,055 |
14 | बिहार | 925 |
15 | पंजाब | 616 |
पिछले कुछ वर्षों में बाल बलात्कार के मामलों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। वर्ष 2017 में 17,557 से बढ़कर 2020 में 28,065 और 2023 में 40,434 हो गए। इसी अवधि में अपराध में किसी ज्ञात व्यक्ति की संलिप्तता 93.6 प्रतिशत से बढ़कर 96 प्रतिशत और 2023 में 96.6 प्रतिशत हो गई।
यह वृद्धि बाल संरक्षाग को और अधिक सुदृढ बनाने के लिए एकीकृत बाल संरक्षण योजना और फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालयों जैसे कई सरकारी कार्यक्रमों के बावजूद है।