प्रतीकात्मक तस्वीर ( सोर्स: सोशल मीडिया )
Chhatrapati Sambhajinagar Event News: छत्रपति संभाजीनगर वारकरी संप्रदाय के प्रतिनिधि डॉ. बालाजी जाधव ने कहा कि वारकरी दर्शन में पड़ोसी की संपत्ति की रक्षा करना अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। नागरिकों को चाहिए कि वे उसकी हिफाजत करें। उन्होंने संत परंपराओं के कई उदाहरण भी देकर इसकी अहमियत समझाई। जमात-ए-इस्लामी हिंद व सद्भावना मंच की स्थानीय शाखाओं की ओर से 21 से 30 नवंबर तक संयुक्त प्रयासों से पड़ोसियों के अधिकार विषय पर चर्चासत्रों का आयोजन किया जा रहा है।
इसी कड़ी में सिकंदर अली वज्द सभागार में विभिन्न धर्मों, पंथों व विचारधाराओं के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया था। शुरुआत इमरान हाशमी की ओर से कुरान के सुमधुर पठन से हुई, जिसका मराठी अनुवाद सलीम मिर्जा ने पेश किया। वारकरी वेशभूषा में छोटे-छोटे बच्चों की उपस्थिति ने सभागार का वातावरण और भी मनोहारी बना दिया।
परिचय इस्लामिक इन्फॉर्मेशन सेंटर के कॉल एग्जिकेटिव नौशाद उस्मान ने कराते हुए कहा कि आज बड़ों की अनुपस्थित नजरों के चलते बच्चे असुरक्षित महसूस करते हैं व समाज में असहजता बढ़ रही है। छावा संगठन के प्रतिनिधि चंद्रकांत भराट ने क्रांति चौक में हर वर्ष सभी धर्मों के लोगों की ओर से संयुक्त रूप से शिवजयंती मनाने का जिक्र कर मराठी व उर्दू माध्यमों के छात्रों को एक-दूसरे के स्कूलों के कार्यक्रमों में शामिल करने का सुझाव दिया।
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एसपी, जवलकर ने मुस्लिम परिवारों संग बिताए अनुभव साझा किए। बौद्ध धर्म के प्रतिनिधि भरते चंद्रबोधी, शिवधर्म के प्रतिनिधि शिवानंद भानुसे, वैदिक धर्म के स्वामी गंगागीरी महाराज, निरंकारी समाज के डीजी दलवी, सद्भावना मंच के अध्यक्ष निवृत्ति महाराज घोड़के ने भी विचार रखे। जमात-ए-इस्लामी हिंद के ‘मस्जिद परिचय’ विभाग के सचिव वाजीद कादरी ने कुरान व हदीस के आधार पर पड़ोसियों के अधिकार समझाए।
अंत में अध्यक्षीय भाषण में जमात-ए-इस्लामी हिंद के प्रदेशाध्यक्ष मौलाना इलियास फलाही ने कोरोना काल में पड़ोसियों की ओर से एक-दूसरे की की गई मदद को याद करते हुए मानवता व सहयोग पर आधारित समाज निर्माण का आह्वान किया। कार्यक्रम सफल बनाने में जव्वाद कादरी, मुजाहिद हकीम, आदिल मदनी सहित अनेक कार्यकर्ताओं ने परिश्रम किए। सत्यशोधक समाज के अरविंद खैरनार, जमात के शहराध्यक्ष सलमान मुकर्रम, डॉ. भावले, गोरख जाधव आदि उपस्थित थे। संचालन सद्भावना मंच के सचिव नसीर पाशू ने किया। धार्मिक ग्रंथों का पुस्तकालय भी लगाया गया।