
प्रतीकात्मक तस्वीर ( सोर्स: सोशल मीडिया )
Sambhajinagar Municipal Corporation Polls: छत्रपति संभाजीनगर स्थानीय महानगरपालिका चुनाव को लेकर महायुति में सीटों के बंटवारे का मामला 4 से 5 बैठकों के बाद भी अभी तक पूरी तरह सुलझ नहीं पाया है।
खासकर सात सीटों पर भाजपा और सहयोगी दल शिंदे सेना के बीच सहमति नहीं बन पाई। इन सीटों पर दोनों पक्ष अपना-अपना दावा छोड़ने को तैयार नहीं हैं, जिससे स्थिति और जटिल हो गई है।
शुक्रवार को सांसद भागवत कराड के निवास पर हुई करीब 6 घंटे लंबी मैराथन बैठक भी महायुक्ति के प्रमुख घटक दल भाजपा व शिंदे सेना में युति को लेकर किसी ठोस नतीजे तक नहीं पहुंच सकी।
बैठक में पालकमंत्री संजय शिरसाट, पूर्व केन्द्रीय मंत्री व सांसद डॉ. भागवत कराड, ओबीसी विकास मंत्री अतुल सावे, विधायक संजय केनेकर, भाजपा के शहराध्यक्ष किशोर शितोले, समीर राजूरकर, सांसद संदिपान भुमरे, शिंदे सेना के जिलाध्यक्ष राजेंद्र जंजाल, किशनचंद तनवानी, ऋषिकेश जायसवाल, पूर्व मेयर विकास जैन प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
बैठक में प्रारंभ में अधिकांश वार्डों और सीटों पर सहमति बन जाने का दावा किया गया, लेकिन 7 सीटों को लेकर दोनों दल अपनी-अपनी दावेदारी पर अड़े रहे।
इन सीटों को रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि यहां जीत-हार से पूरे शहर का राजनीतिक संतुलन प्रभावित हो सकता है, विशेषकर, इसमें कुछ प्रभाग ऐसे हैं, जहां दोनों दलों के नेताओं के पुत्र चुनाव लड़ना वाहते है।
सूत्रों के अनुसार, कुछ सीटों पर दोनों दल अधिक मजबूती से दावे कर रहे हैं। कार्यकर्ताओं की संख्या, पिछले चुनावों के परिणाम और जमीनी समीकरण को लेकर नेताओं के बीच लंबी चर्चा हुई।
इसके बावजूद किसी एक दल के पक्ष में सहमति नहीं चन सकी। इसी कारण बैठक अंततः महत्वपूर्ण सीटों का निर्णय भाजपा के वरिष्ठ नेता व राज्य के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले, मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस व शिंदे सेना के प्रमुख व उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर छोड़ा गया।
बैठक के बाद भले ही दोनों दलों के आला नेताओं ने दावा किया कि महायुति लगभग हो चुकी है। लेकिन, पार्टी सूत्रों के अनुसार उन 7 सीटों को लेकर महायुति में दरार भी आ सकती है।
उधर, भाजपा ने अन्य दलों के कई पूर्व नगरसेविका व नगरसेवकों में पार्टी में शामिल किया। वह इस आस से भाजपा में आए कि उन्हें उम्मीदवारी मिलेंगी, लेकिन, जो लोग 10-10 सालों से पार्टी की उम्मीदवारी के लिए पार्टी के लिए खूब काम किया।
परंतु, अब उम्मीदवारी के लिए मुश्किले आ रही है। महायुति के नेताओं ने साफ किया है कि स्थानीय स्तर पर समाधान नहीं निकल पाने की स्थिति में अब यह मामला वरिष्ठ नेताओं के पास भेजने का निर्णय लिया गया है।
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राज्य स्तर के शीर्ष नेतृत्व से चर्चा कर इन 7 सीटों पर अंतिम फैसला लेंगे, माना जा रहा है कि रविवार शाम तक वरिष्ठ नेताओं की बैठक के बाद स्थिति स्पष्ट हो सकती है।






