प्रतीकात्मक तस्वीर ( सोर्स: सोसल मीडिया )
Maharashtra Civic Elections: छत्रपति संभाजीनगर मनपा चुनाव सिर पर हैं, पर सत्तारूढ़ भाजपा-शिवसेना गठबंधन अब तक स्पष्ट निर्णय तक नहीं पहुंच सका है।
चुनाव साथ मिलकर लड़ना है या अलग-अलग ? इस सवाल पर सहमति न बनने से शहर का राजनीतिक माहौल लगातार गरमाता जा रहा है। लगातार बैठकों के बावजूद दोनों दलों के बीच तालमेल नहीं बनने से सैकड़ों इच्छुक उम्मीदवारों का भविष्य फिलहाल अधर में है।
सभी की निगाहें मुंबई स्थित वरिष्ठ नेतृत्व के फैसले पर टिकी हैं। करीब दस वर्षों बाद हो रहे मनपा चुनाव में अब सिर्फ 15 दिन शेष हैं। पिछले कुछ दिनों से भाजपा-शिवसेना के बीच सीट बंटवारे पर सहमति न बनने से स्थिति जटिल होती जा रही है।
शहर के सभी प्रभागों की रिपोर्ट व चुनावी गणित मुंबई के शीर्ष नेतृत्व को भेजी गई है व अंतिम निर्णय वहीं से होने की प्रबल संभावना है। भाजपा की ओर से आयोजित उम्मीदवारों की मुलाकात प्रक्रिया को व्यापक समर्थन मिला है व 1,120 इच्छुकों ने इंटरव्यू दिए हैं।
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इतनी बड़ी संख्या में दावेदार होने के चलते कई उम्मीदवारों का टिकट कटना तय माना जा रहा है, जिसमें गठबंधन का फैसला निर्णायक भूमिका निभाएगा।
राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, यदि गठबंधन टूटता है, तो बागी व निर्दलीय उम्मीदवारों की संख्या में इजाफा होकर चुनाव से पहले ही सत्ताधारी खेमे में असंतोष का खतरा बढ़ सकता है। अब पूरा शहर आलाकमान के फैसले की प्रतीक्षा में है, जो आने वाले दिनों में शहर की राजनीति की दिशा व दशा तय करेगा।