नेता प्रतिपक्ष अंबादास दानवे (फोटो: ANI)
छत्रपति संभाजीनगर. महाराष्ट्र में किसानों की बढाती आत्महत्याओं को लेकर विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष अंबादास दानवे ने महायुति सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा गुरुवार दावा किया कि मराठवाड़ा क्षेत्र के बीड जिले में सबसे अधिक किसान आत्महत्या कर रहे हैं, लेकिन केंद्र और राज्य सरकार ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है।
बीड जिले के परली में बुधवार को आयोजित कृषि प्रदर्शनी में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्रियों देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार के दौरे का जिक्र करते हुए दानवे ने सरकारों पर किसानों के प्रति संवेदनशील होने का केवल दिखावा करने का आरोप लगाया।
शिवराज सिंग चौहान जी, आपण काल त्या बीड जिल्ह्यात होतात जिथे मराठवाड्यातील सर्वाधिक शेतकरी आत्महत्या होतात. त्याबद्दल आपल्यासह कोणीही चकार शब्द मात्र काढला नाही. तुमचे केंद्र आणि राज्य सरकार संवेदनशील असल्याचा आव आणणारे आहे, हे यातून स्पष्ट झाले!
मोदींनी ६५ पिकांच्या १०९… pic.twitter.com/tWcivwCFEc
— Ambadas Danve (@iambadasdanve) August 22, 2024
दानवे ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर जारी एक पोस्ट में कहा, “बीड जिले में सबसे ज्यादा किसान आत्महत्या कर रहे हैं, जहां कल शिवराज सिंह चौहान ने दौरा किया था। लेकिन चौहान समेत किसी भी नेता ने इस बारे में एक शब्द भी नहीं कहा। केंद्र और राज्य सरकारें सिर्फ संवेदनशील होने का दिखावा करती हैं।”
यह भी पढ़ें: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव: राज ठाकरे ने और दो उम्मीदवारों का किया ऐलान, इन नेताओं को मिला टिकट
उन्होंने कहा कि केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने 65 फसलों की 109 किस्मों के बीज जारी किए हैं, जिन्हें कम पानी की जरूरत होती है और कम समय में तैयार किया जा सकता है। दानवे ने कहा, “फिर उन्हें महाराष्ट्र के किसानों के लिए बाजार में उपलब्ध कराया जाना चाहिए।”
विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि परली में आयोजित कार्यक्रम में अपने भाषणों के दौरान नेताओं ने प्याज, सोयाबीन, कपास, यूरिया और डीएपी से जुड़ी समस्याओं का जिक्र किया। उन्होंने दावा किया कि कम से कम उन्हें किसानों की समस्याओं का एहसास तो होने लगा है, लेकिन केंद्रीय कृषि मंत्री ने इनमें से किसी भी चिंता का समाधान नहीं किया। (एजेंसी एडिटेट)
यह भी पढ़ें: एकनाथ खडसे की भाजपा में कब होगी वापसी? केंद्रीय मंत्री रक्षा खडसे ने दिया जवाब