डकैती की टिप देने वाला आरोपी गिरफ्तार। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
छत्रपती संभाजीनगर: बजाजनगर निवासी व्यापारी संतोष लड्डा के बंगले में डकैती कर करोड़ों का सोना-चांदी लूटने के मामले में पुलिस ने 11 दिन बाद 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। उसके बाद शुक्रवार को क्राइम ब्रांच ने लड्डा के बंगले में कीमती सामान होने की सूचना देने वाले एक और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी का नाम देवीदास नाना शिंदे (45, निवासी वडगांव कोल्हाटी, शिवाजीनगर, एमआईडीसी वालुज) बताया गया है।
डकैती में इस्तेमाल की गई कार और मोपेड भी जब्त कर ली गई है। हालांकि पुलिस अब तक साढ़े पांच किलो सोने में से सिर्फ 32 तोला सोना ही जब्त कर पाई है। बाकी सोना अभी तक नहीं मिला है। उद्योगपति लड्डा के बंगले पर हुई डकैती मराठवाड़ा की सबसे बड़ी डकैती है। मुख्य मास्टरमाइंड अमोल खोतकर को सोमवार (26) को क्राइम ब्रांच के एपीआई रविकांत गच्छे द्वारा की गई मुठभेड़ में मार गिराया गया।
आरोपियों को 14 दिनों की पुलिस हिरासत
गिरोह के सदस्य योगेश सुभाष हजबे (31, निवासी गंगोत्री पार्क, वडगांव कोल्हाटी), सुरेश उर्फ सूर्यकांत रामकिसन गंगने (45, निवासी कुट्टरविहिर, अंबाजोगाई), सैयद अजहरुद्दीन सैयद कबीरुद्दीन (37, निवासी रंजनगांव शेनपुंजी), सोहेल जलील शेख (22, निवासी कर्बला वेस, अंबाजोगाई) और महेंद्र माधवराव बिडवे (38, निवासी साजापुर) को गिरफ्तार किया गया।
अदालत ने 14 दिनों की पुलिस हिरासत दी। आरोपी के हिरासत में रहने के दौरान भी क्राइम ब्रांच यह पता लगाने में विफल रही है कि सोना और चांदी कहां है। पांचों लुटेरों से केवल 32 तोला सोना जब्त किया गया। साढ़े पांच किलो सोना और 32 किलो चांदी कहां गई, यह रहस्य बना हुआ है।
सूत्रों के अनुसार शिंदे ने खोतकर और हजबे को बताया था कि लड्डा के घर में जमीन के सौदे के लिए 10 करोड़ रुपए रखे हैं। इसके बाद सभी ने मिलकर उसे लूटने और 10 करोड़ की नकदी लूटने की योजना बनाई। शिंदे ने हजबे को बताया कि लड्डा विदेश चला गया है। इसके बाद 15 मई की रात को 6 लोगों ने उसे लूट लिया।
उस समय उन्हें बंगले में कोई नकदी नहीं मिली। इस पर दोनों के बीच बहस हो गई। बंगले की तलाशी लेने पर बताया जा रहा है कि उन्हें साढ़े 5 किलो सोना और 32 किलो चांदी मिली है। हालांकि, अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि लुटेरों ने नकदी भी लूटी है या नहीं।
शिंदे ने स्कूल बस में लड्डा के बंगले के बारे में विस्तृत जानकारी दी। देवीदास शिंदे लुटेरे योगेश हज्बे का दोस्त है। वह एक निजी स्कूल की स्कूल बस पर ड्राइवर का काम करता है। सूत्रों ने बताया कि वह जादू-टोने और गुप्त धन दिखाने के काले धंधे में भी माहिर है। शिंदे ने हज्बे को साथ लेकर बंगले की रेकी भी की। पुलिस ने इस काम में इस्तेमाल की गई कार और मोपेड भी जब्त कर ली है। सूत्रों ने यह भी स्पष्ट किया कि शिंदे हज्बे के लॉज में सक्रिय था।
लुटेरों की गिरफ्तारी भले ही हो गई हो, लेकिन पालकमंत्री संजय शिरसाट ने खुद पुलिस कार्रवाई की आलोचना करते हुए सवाल उठाया था कि सोना कहां गया। उन्होंने डकैती में साढ़े पांच किलो से अधिक सोना भी चोरी होने की बात कहकर पुलिस की भूमिका पर संदेह जताया था। इसके बाद वे गुरुवार को पुलिस आयुक्तालय पहुंचे और लुटेरों व अपराधियों का सहयोग करने वाली पुलिस के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए।
15 दिनों में 2 बार आयुक्तालय में पालकमंत्री के आने से पुलिस बल भी हैरान रह गया। शुक्रवार (30 तारीख) को पुलिस आयुक्त ने क्राइम ब्रांच समेत सभी वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक ली। करीब 3 घंटे चली इस बैठक में उन्होंने कुछ सुझाव भी दिए। उन्होंने जल्द से जल्द सोना जब्त करने के स्पष्ट निर्देश दिए। सूत्रों ने स्पष्ट किया कि इसके लिए कुछ पुराने और जानकार अधिकारियों को भी काम पर लगाया गया है।