फोटो: X (@RajThackeray)
मुंबई. महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे के खिलाफ कोर्ट ने गिरफ्तारी (गैर-जमानती) वारंट जारी हुआ है। यह वारंट निलंगा द्वितीय प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट कोर्ट ने 16 साल पुराने एक मामले में जारी किया है। एक आंदोलन के दौरान निगम की बसों में तोड़फोड़ और आगजनी के इस मामले में राज को शुक्रवार (6 सितंबर) को निलंगा कोर्ट में पेश होना होगा।
वर्ष 2008 में निलंगा के मनसे कार्यकर्ताओं ने उदगीर मोड पर निगम की एक बस में आग लगा दी थी। इस संबंध में निलंगा थाने में आठ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इसमें राज ठाकरे भी शामिल थे। इस मामले में राज को निलंगा की अदालत में कुछ साल पहले भी पेश होना पड़ा था क्योंकि निलंगा अदालत ने उनकी जमानत रद्द कर दी थी। तब वकीलों ने राज के लिए हर तारीख पर निलंगा अदालत में आना संभव नहीं था, ऐसा कहते हुए रियायत की मांग की थी, जिसके बाद अदालत ने उन्हें उस वक्त जमानत दे दी थी। हालांकि, तारीख पर उपस्थित नहीं होने के कारण कोर्ट ने एक बार फिर एमएनएस अध्यक्ष राज ठाकरे के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।
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इस मामले में तत्कालीन तालुका प्रमुख और तीन अन्य आरोपी शुक्रवार को अदालत में पेश हुए थे, क्योंकि उनके खिलाफ जारी वारंट की तामील नहीं होने के कारण कोर्ट ने चारों की जमानत रद्द कर दी थी। हालांकि अदालत ने जुर्माना लगाया और फिर नए सिरे से जमानत की अर्जी देने के बाद उन्हें जमानत मिल गई।
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