जंगल में बढ़ा आग का कहर (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Amravati News: राज्य के जंगलों में आग का संकट लगातार गहराता जा रहा है। साल 2025 में जनवरी से सितंबर (केवल नौ महीनों में) 8,091 जंगल की आग की घटनाएं दर्ज की गई हैं। यह आकड़ा 2024 के पूरे वर्ष की तुलना में लगभग 56% अधिक है। इस वर्ष सबसे अधिक नुकसान गडचिरोली विभाग को हुआ है, जबकि अमरावती वन क्षेत्र में भी आग की घटनाओं में खतरनाक बढ़ोतरी देखी गई है।
गड़चिरोली विभाग में सबसे
वन विभाग के अनुसार, इस बढ़ोतरी के पीछे कई कारण हैं। जलवायु परिवर्तन, सूखा, जंगलों में जमा ज्वलनशील वनस्पति, और मानव गतिविधियां जैसे चराई व वनोपज संग्रह। इन बार-बार लगने वाली आगों से वन्यजीवों का आवास नष्ट हो रहा है और साथ ही पर्यावरणीय हानि तथा कार्बन उत्सर्जन में भी भारी बढ़ोतरी हो रही है। गड़चिरोली विभाग में सबसे ज्यादा 1,859 आग की घटनाएं दर्ज की गई हैं, जो पिछले वर्ष से 362 अधिक हैं।
अमरावती वनक्षेत्र में 2024 में जहां केवल 92 आग की घटनाएं हुई थीं, वहीं 2025 में अब तक 490 घटनाएं दर्ज की गई है। वन विभाग ने नियंत्रण के लिए जनजागरण अभियान, गश्त बढ़ाने और तकनीकी साधनों का उपयोग शुरू किया है, लेकिन बढ़ते तापमान और मानव हस्तक्षेप के कारण स्थिति नियंत्रण से बाहर जाताना भय व्यक्त किया जा रहा है। राज्यभर में जंगल की आग की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। यदि वन विभाग, नागरिक और स्थानीय प्रशासन मिलकर ठोस उपाय नहीं करते, तो आने वाले वर्ष में यह संकट और भी गंभीर रूप धारण कर सकता है।
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जंगलों में आग की घटनाओं में तेजी से बढ़ोतरी हुई है जिसमें 2023 में 5,171 आग, 2024 में 5,181 आग, 2025 में (सितंबर तक) 8,091 आग के मामले दर्ज किए गए हैं।