तलेगांव दशासर में जलसंकट
तलेगांव दशासर (सं). इन दिनों बरसात का मौसम चल रहा है तथा डेढ़ माह में अमरावती जिले में अब तक अच्छी व संतोषजनक बारिश हो चुकी है। इस बरसात से कुएं, नल कूंपनों, हैंडपम्पों का जलस्तर बढ़ गया है। लेकिन क्षेत्र में नल योजना का पानी वहीं ढाई कदम की चाल जैसा ही मिल रहा है। नल योजना को लेकर लोगों में भारी रोष है।
उल्लेखनीय है कि ग्राम में 2.78 करोड़ रुपये की पूरक जलापूर्ति योजना पूरी तरह फ्लाप सिद्ध हो गयी है। इस योजना के तहत ग्राम की सारी अच्छी सड़कों को खंडहर बनाया गया व पाइप लाइनों को बिछाकर हर घर नल लगाए गए। परन्तु इन नलों में आज तक एक बूंद भी जल नहीं आया है। वहीं अब पिछले 6/7 माह पूर्व से जल जीवन मिशन के तहत 10 करोड़ की लागत से जल शुद्धिकरण उपकरण व बेम्बला नहर से जलवितरण व्यवस्था का काम भी शुरू है जिसके लिए पिछले समय मे बची खुची सड़कें खुदाई कर गांव के मुख्य रास्तों सत्यानाश किया जा रहा है। देखना यह है कि 6 माह की डेडलाइन वाला यह काम सात माह से भी अधिक का समय होने के बाद भी अब तक पूरा नहीं हुआ है, जबकि यह काम और 6 माह तक पूरा होने की कोई संभावना नहीं। अब पिछले 2.78 करोड की पूरक जलापूर्ति योजना का काम पूरा हुआ भी नही और अधूरा काम छोड़कर ठेकेदार रफूचक्कर हो गया और लोगों के घरों के सामने नाममात्र नलके लगे हैं, जो हर घर नल और नलों में कब आएगा जल के नाम पर आंसू बहा रहे हैं।
बारिश से जलजन्य बीमारियों की बाढ़ सी आ गयी है। सरकारी दवाखाने व निजी अस्पतालों में मरिजो की भीड़ देखने मिल रही है। जिसमें बुखार, सर्दी, खांसी व बदन दर्द के साथ ही पेट की बीमारियों के मरीज देखे जा रहे है। यहां की अधिकांश बस्तियों में लोगो को जलापूर्ति के लिए हैंड पम्पों, कुओं का सहारा लेना पड़ता है। लेकिन यह हैंडपंप, कुएं गंदगी से भरी नालियों के पास है। यहाँ के वार्ड नं। 2 के महाकाली कुएं के पास 4-5 फीट पर लेंडी नाला है जो गंदगी की पनाहगाह बन गया है।
वार्ड क्र. 2 के ही झोपड़पट्टी में बावनकर के घर पास बनी हैंड पम्प भी नाली से सटी है। वहीं बरसात का पानी भी उसमें रिसता हैं। इस हैंडपंप के पानी ने पिछले वर्ष लगभग 25 से अधिक लोग डायरिया बीमारी से परेशान है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ने हैंड पंप के पानी को पीने दूषित व पीने योग्य नहीं होने का प्रमाणित किया। लेकिन ग्राम पंचायत ने अब तक उस जगह नल कूंपनों का प्रबंध किया और ना ही दूसरे वैकल्पिक हैंडपंप ही वहां अन्य जगह खोदी, जिससे इस हैंडपंप का दूषित पानी पीने उस क्षेत्र के नागरिक मजबूर है। प्रशासन उनकी सेहत का संज्ञान लेने तैयार नहीं है।
सरपंच मीनाक्षी ठाकरे ने कहा, “एक दो दिन में इस वार्ड के नई पाइप लाइनों के वाल्व की जानकारी पेयजल आपूर्ति के देखभाल करने वाले कर्मियों को संबंधित ठेकेदार सुपरवाइजर हासिल कराने के बाद नल योजना का पानी नलों में आयेगा।”