ओबीसी समाज की मांगों पर मंत्रालय में होगी बैठक (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Amravati District: अमरावती जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में ओबीसी जनमोर्चा के बैनरतले पदाधिकारी तुषार वाढोणकर और चंद्रशेखर देशमुख ने 24 सितंबर से अनशन शुरु किया था। शुक्रवार 26 सितंबर को पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने अनशन मंडप को भेंट देकर ओबीसी समाज की उक्त मांगों को लेकर नेताओं की 15 अक्टूबर के भीतर बैठक लेकर उचित निर्णय लेने का आश्वासन दिया था। जिसके बाद रविवार 28 सितंबर को प्रदेश अध्यक्ष प्रकाश अण्णा शेंडगे, डॉ. ज्ञानेश्वर गोबरे की उपस्थिति में अनशन समाप्त किया गया।
आंदोलन कारियों ने मराठा समाज की ओबीसी के संविधानात्मक आरक्षण में घूसखोरी करनेवाला 2 सितंबर का जीआर रद्द करने या उसमें दुरूस्ती करने की मुख्य मांग को लेकर जिलाधिकारी कार्यालय के सामने अनशन शुरु किया था। इस अनशन को सांसद बलवंत वानखडे, सांसद डॉ. अनिल बोंडे, विधायक प्रवीण तायडे, राजेश वानखडे, ओबीसी नेता पदाधिकारियों ने भेंट देकर समर्थन घोषित किया था।पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने अनशन मंडप को भेंट देकर ज्ञापन स्वीकार किया।
मंत्रालय में 15 दिन के भीतर बैठक आयोजित कर अनशनकर्ताओं की मांगे पूर्ण करने के लिए सरकार स्तर पर चर्चा कर समाधान किया जाएगा, ऐसा अभिवचन दिया। जिसके तहत अनशन को कुछ दिन के लिए स्थगित किया गया है। मांगों को पूर्ण नहीं किया गया तो आनेवाले दिनों में आंदोलन फिर से करने का इशारा भी ओबीसी जनमोर्चा और ओबीसी आरक्षण संघर्ष समिति ने सरकार को दिया है। इस समय ओबीसी जनमोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष पूर्व विधायक प्रकाश अण्णा शेंडगे, उपाध्यक्ष डॉ. ज्ञानेश्वर गोरे (गोबरे), महासचिव प्रवीण पेटकर ने अनशनकर्ताओं को शरबत पिलाकर अनशन छुडाया।
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अनशनकर्ताओं का अभिनंदन भी किया गया। इस समय ओबीसी जनमोचा्र और ओबीसी आरक्षण संघर्ष समिति के पदाधिकारी प्रवीण पेटकर, संजय वर्हकर, एड. प्रभाकर वानखडे, अजय राऊत, इंजी. वासुदेव चौधरी, डॉ. श्रीराम कोल्हे, डॉ. गणेश खारकर, संजय नागोने, वि. दा. पवार, संजय वाघुले, प्रा. रुपेश फसाटे, नाना आमले, मनोज भेले, दिलीप पांडे, बालकृष्ण धर्माले आदि पदाधिकारी उपस्थित थे।