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अमरावती. उपवनसंरक्षक एनसी बाला व सहायक वनसंरक्षक ज्योति पवार ने शहर के आक्सीजन पार्क को लेकर अक्षम्य उदासीनता व निष्क्रियता बरतने के साथ ही शासन व जनप्रतिनिधियों का अपमान करने का गंभीर आरोप लगाकर सेवानिवृत्त सहायक वनसंरक्षक अशोक कविटकर ने पूर्व वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार को निवेदन दिया. जिसकी गंभीरता से दखल लेकर पूर्व मंत्री मुनगंटीवार ने वन विभाग के प्रधान सचिव को पत्र लिखकर संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध किया है.
कविटकर की शिकायत के अनुसार आक्सीजन पार्क ओपन करने में जानबूझकर देरी बरते के बाद डीएफओ बाला ने 24 जुलाई 2021 को लोकार्पण कार्यक्रम में आवश्यक कोनशिला तक नहीं लगाई. लोकार्पण समारोह में बारिश के दिनों में कार्यक्रम स्थल पर बिना वाटर प्रुफ छोटासा पंडाल डाला गया. समारोह के दौरान बारिश के कारण पालकमंत्री एड. यशोमति ठाकुर, विधायक सुलभा खोड़के समेत निमंत्रित सभी जनप्रतिनिधि भीग गए. शुभ प्रसंग होने से किसी जनप्रतिनिधि ने इस अव्यवस्था को लेकर रोष प्रगट कर ना टाल दिया. डीएफओ बाला ने शुभारंभ के कई दिनों बाद 13 अक्टूबर को कोनशिला लगवाई.
इस बीच 24 अक्टूबर को अमरावती दौरे में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी आक्सीजन पार्क को विजिट करने की सूचना मिली. जिससे 12 अक्टूबर को फिर डीएफओ को पत्र देकर इसकी सूचना दी. जिसके बाद पालकमंत्री यशोमति ठाकुर ने 14 अक्टूबर 21 को पत्र देकर आक्सीजन पार्क में बचे हुए काम निपटाने के निर्देश डीएफओ व सीसीएफ को दिए. उसके बाद 20 अक्टूबर को फोन पर सूचित किया, लेकिन डीएफओ ने कोई काम नही किया. साथ ही किसी अधिकारी ने आक्सीजन पार्क की सुध तक नहीं ली.
कविटकर ने तैयारी शुरू की तो रेंजर नवरे ने ट्रैक्टर जब्त करने की धमकी दी. सेवानिवृत्त वेतन से खर्च कर 24 अक्टूबर को तीन सूचना बोर्ड पार्क के बाहर लगाए. समय हो जाने से केंद्रीय मंत्री गडकरी ने अगले दौरे में विजिट करने की बात कही. लेकिन डीएफओ बाला व एसीएफ ज्योति पवार के आदेश पर वनमजदूरों ने यह तीनों बोर्ड हटा दिए. इतना ही नहीं बल्कि गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटिल को आक्सीजन पार्क की प्रतिमा भेंट देने के फोटो का फलक लगाया गया, इसे भी डीएफओ व एसीएफ ने हटाकर राज्य के गृहमंत्री का भी अपमान किया.
कविटकर ने पूर्व मंत्री से शिकायत में डीएफओ की मनमानी का कच्चा-चिठ्ठा ही खोल दिया है. चांदुर रेलवे तहसील में मोथा बासलापुर वन तालाब का जलपूजन पालकमंत्री यशोमति ठाकुर के हाथों 15 अक्टूबर की सुबह हुआ. जिसका बोर्ड भी शाम के समय बगैर कारण के निकालकर चांदुर रेलवे वन कार्यालय में रख दिया.
कार्यक्रम हो जाने के बाद डीएफओ बाला व एसीएफ पवार ने कविटकर व वनक्षेत्रपाल कोकाटे के लिए गेट के भीतर परमिशन नहीं देने के निर्देश दिए. ऐसी बात भी शिकायत में सेवानिवृत्त फारेस्ट आफिसर कविटकर ने बताई. जिस पर लोकलेखा समिति के अध्यक्ष व पूर्व वन मंत्री मुंनगठीवार ने गंभीरता से दखल लेकर वन मंत्रालय के प्रधान सचिव को पत्र लिखकर संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई करने का अनुरोध किया.