चिखलदरा के प्रसिद्ध व्यू पॉइंट (सौजन्यः सोशल मीडिया)
अमरावती: “बादलों की ओट से झांकती सूरज की किरणें, पहाड़ियों पर बिछी हरी चादर और झरनों की कल-कल विदर्भ का हिल स्टेशन चिखलदरा इस वक्त प्रकृति के अद्भुत सौंदर्य से सराबोर है।” मानसून की दस्तक के साथ ही चिखलदरा की वादियां जीवंत हो उठी हैं। हर दिशा में हरे-भरे पेड़, घनी धुंध, ठंडी हवा और मनमोहक झरने पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं। प्राकृतिक नजारे और ठंडे मौसम का आनंद लेने के लिए दूर-दूर से लोग यहां पहुंच रहे हैं।
जैसे ही बारिश ने अपनी मौजूदगी दर्ज कराई, सूखी पड़ी पहाड़ियों और मैदानों ने हरी चादर ओढ़ ली। झरने फिर से बहने लगे और घाटियों में कोहरा मंडराने लगा। सड़क किनारे के पेड़ ताजगी से भर गए और हवाओं में भीनी मिट्टी की खुशबू घुल गई।
पर्यटक खासकर सप्ताहांत पर बड़ी संख्या में आ रहे हैं। युवा, परिवार और फोटोग्राफी के शौकीन लोग यहां की प्राकृतिक सुंदरता को कैमरे में कैद कर रहे हैं।
चिखलदरा के प्रसिद्ध व्यू पॉइंट जैसे गविलगढ़ किला, पंचबोल प्वाइंट, बिर्दा प्वाइंट और देवी पॉइंट पर इन दिनों काफी भीड़ देखी जा रही है। यहां से घाटियों का नजारा ऐसा लगता है जैसे बादल धरती पर उतर आए हों। झरने भी पर्यटकों को खूब लुभा रहे हैं। बारिश के बाद इन झरनों में भरपूर पानी आ गया है और इनकी आवाज सुनते ही मन प्रफुल्लित हो जाता है। लोग घंटों यहां बैठकर झरनों की गूंज और ठंडी फुहारों का आनंद ले रहे हैं।
चिखलदरा का मौसम इन दिनों बेहद ठंडा और सुखद है। हल्की फुहारों के बीच सर्द हवा गालों को छूती है। सड़क किनारे चाय-नाश्ते की दुकानों पर लोगों की भीड़ लगी रहती है। पर्यटक गर्म चाय की चुस्की के साथ यहां की हरी-भरी वादियों को निहारते नजर आते हैं। पर्यटकों के बढ़ते आगमन ने स्थानीय होटल, लॉज और रिसॉर्ट मालिकों के चेहरों पर भी मुस्कान ला दी है।
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अधिकतर होटल और रिसॉर्ट लगभग फुल बुक हो चुके हैं। स्थानीय गाइड, वाहन चालक और दुकानदारों को भी रोजगार के अवसर मिले हैं।
पर्यटन विभाग के अधिकारियों ने कहा “मानसून सीजन में चिखलदरा का रूप सबसे खूबसूरत होता है। यहां आने वाले पर्यटकों से स्थानीय लोगों को भी रोजगार मिलता है। हम साफ-सफाई, सुरक्षा और सुविधा के पुख्ता इंतजाम कर रहे हैं।”
पर्यटकों की भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के इंतजाम बढ़ा दिए हैं। संवेदनशील जगहों पर चेतावनी बोर्ड लगाए गए हैं। सफाई व्यवस्था दुरुस्त रखने के लिए कर्मचारियों की तैनाती की गई है। पर्यटन विभाग ने अपील की है कि पर्यटक प्लास्टिक और कचरा न फैलाएं और प्राकृतिक सुंदरता को सुरक्षित रखें।
इसके अलावा पर्यावरण की रक्षा के लिए प्लास्टिक उपयोग पर भी रोक लगाई गई है। विदर्भ का यह एकमात्र हिल स्टेशन मानसून में प्रकृति प्रेमियों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं। हरियाली से लदी घाटियां, बादलों में खोए रास्ते और झरनों की मधुर ध्वनि चिखलदरा सचमुच इन दिनों पर्यटकों को अपनी बाहों में समेटे हुए है।