अमित शाह (सोर्स: सोशल मीडिया)
मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लगभग 100 दिन और शेष बचे हैं। इसी के साथ सियासी दलों और उनके गठबंधनों में सीटों के बंटवारे से पहले अनुकूल चुनाव क्षेत्रों की समीक्षा जोर पकड़ने लगी है। इसी बीच बीजेपी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद नंबर दो की हैसियत रखने वाले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह एक बार फिर से महाराष्ट्र दौरे पर आने वाले हैं। सूत्रों के अनुसार अमित शाह 16, 17 और 18 अगस्त को महाराष्ट्र में रहेंगे। इस दौरान वह महाराष्ट्र के सभी हिस्सों में आधा-आधा दिन गुजार कर विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा करेंगे।
लोकसभा चुनाव में महायुति को महाराष्ट्र में मिली हार के बाद खासकर बीजेपी पर दबाव बढ़ा है। इसके बावजूद बीजेपी अभी भी राज्य में कम से कम 150 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की तैयारी में है। जबकि शिवसेना (शिंदे गुट) अपने स्ट्राइक रेट को बीजेपी से बेहतर बताकर 288 विधानसभा सीटों में 90 से अधिक सीटों पर दावा ठोंक रहा है तो वहीं एनसीपी (अजित पवार) भी शिंदे गुट के बराबर सीटों की मांग कर रहा है।
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महाराष्ट्र में एनडीए गठबंधन के महादेव जानकर की राष्ट्रीय समाज पाटी, बच्च कडू की प्रहार जनशक्ति पार्टी व रामदास आठवले की रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई) भी अपने लिए कम से कम 10-10 सीटों की मांग कर रही है। ऐसे में इस बार सीटों के बंटवारे में देरी जैसी लोकसभा वाली गलती से बचने के लिए बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व अभी से सक्रिय हो गया है। विधानसभा चुनाव की तैयारियों पर मंथन के लिए शाह इस बार तीन दिनों तक महाराष्ट्र के दौरा पर रहेंगे। वह मुंबई, कोकण, विदर्भ, मराठवाडा, उत्तर महाराष्ट्र और पश्चिम महाराष्ट्र के पदाधिकारियों से मिलकर चर्चा करेंगे।
एक महीने से भी कम समय में महाराष्ट्र में होने वाले अमित शाह के दूसरे दौरे से विपक्षी नेताओं के कान खड़े हो गए हैं। क्योंकि इससे 21 जुलाई को पुणे के बालेवाड़ी में बीजेपी के महाराष्ट्र प्रदेश के पदाधिकारियों को शाह ने संबोधित करने के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और राकाम नेता शरद पवार पर जोरदार हमला बोला था। उन्होंने उद्धव को औरंगजेब फैन क्लब का मुखिया और शरद पवार को भ्रष्टाचारियों का सरदार बताया था। जिसके जवाब में उद्धव ने पुणे में जाकर शाह को अहमद शाह अब्दाली का सियासी उत्तराधिकारी बता दिया था तो वहीं पवार ने उन्हें तड़ीपार कह दिया था। अब शाह एक फिर महाराष्ट्र में आकर उद्धव और पवार को मुंहतोड़ जवाब दे सकते हैं।