अकोला में सोयाबीन की फसल हुई बर्बाद (सौ. सोशल मीडिया )
Akola News In Hindi: पिछले दो दिनों से शहर के साथ साथ जिले के अनेक क्षेत्रों में हुई बेमौसम बारिश के कारण कई क्षेत्रों में किसानों का नुकसान हुआ है। कुछ क्षेत्रों में खुले स्थानों में रखा सोयाबीन भीग जाने से भी कई किसानों की हानि हुई है।
इस वर्ष बारिश का मौसम वापस जाने का नाम ही नहीं ले रहा है। इस बारे में किसानों से बातचीत करने पर उन्होंने बताया कि, कई जगह बेचने के लिए निकाला गया सोयाबीन भीग जाने के कारण उसकी क्वालिटी घसर जाएगी, भीगने के कारण सोयाबीन को जितने दाम मिलने चाहिए थे उतने दाम नहीं मिल पाएंगे।
इस तरह किसानों का काफी नुकसान होगा। जानकारी के अनुसार जिले के अनेक ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों के घरों के आंगन में रखे हुए सोयाबीन के बोरे भीगने की जानकारी सामने आ रही है। इस तरह किसान फिर एक बार संकट में आ गए हैं। इसी तरह जिले के अनेक क्षेत्रों में कपास की फसल निकालना शुरू है। इस बेमौसम बारिश ने कपास को भी भिगा दिया है। इस तरह सोयाबीन और कपास की फसलों का काफी नुकसान हो जाने की जानकारी मिली है।
जानकारी के अनुसार अकोला शहर तथा अकोला तहसील के साथ साथ बालापुर तहसील, पातुर तहसील और तेल्हारा तहसील के अनेक क्षेत्रों में हुई बेमौसम बारिश के कारण किसानों का काफी नुकसान हुआ है। जिले की अन्य तहसीलों में भी बारिश हुई है। बालापुर तहसील के वाड़ेगांव क्षेत्र में शनिवार को हुई तेज बारिश के कारण कई किसानों की काटी हुई सोयाबीन की फसल का नुकसान हो गया। कई किसानों का इस बेमौसम बारिश से नुकसान हुआ है। बालापुर तहसील में आनेवाले हातरुण तथा आस पास के क्षेत्रों में असमय बारिश से नुकसान हुआ है। इसके अलावा भी कई क्षेत्रों में किसानों का नुकसान हुआ है। पातुर में कृषि उपज बाजार समिति में किसानों द्वारा बिक्री के लिए लाया गया काफी सोयाबीन भीग जाने से किसानों का भारी नुकसान हुआ है।
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अकोला कृषि उपज बाजार समिति के सभापति शिरीश धोत्रे से बातचीत करने पर उन्होंने कहा कि, मौसम विभाग द्वारा कुछ दिनों तक बेमौसम बारिश की चेतावनी दी गयी है। इसलिए जब तक पूरी तरह से मौसम नहीं खुलता है तब तक किसान सोयाबीन तथा अन्य कृषि उत्पादन एपीएमसी में न लाएं। मौसम खुलने के बाद ही एपीएमसी में आएं। नुकसान से बचने का यही एक तरीका है। मौसम खुलने के बाद ही कृषि उत्पादन एपीएमसी में लाना ठीक रहेगा। उन्होंने कहा कि, मौसम खुलने का किसानों ने इंतजार करना चाहिए।