CDS के खुलासे पर प्रकाश आंबेडकर का X पर तीखा वार (सौजन्यः सोशल मीडिया)
अकोला: वंचित बहुजन आघाड़ी के प्रमुख एडवोकेट प्रकाश उर्फ बालासाहब आंबेडकर ने भारतीय लड़ाकू विमानों के नुकसान को लेकर बढ़ती राजनीतिक बहस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सीधे घेरा है। आंबेडकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर प्रधानमंत्री से देश के सामने सच बताने की मांग की है। यह टिप्पणी भारत के मुख्य रक्षा प्रमुख (CDS) जनरल अनिल चौहान के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के पहले दिन पाकिस्तान द्वारा भारत के कुछ लड़ाकू विमानों को मार गिराने की स्वीकारोक्ति के बाद आई है।
जनरल अनिल चौहान ने एक साक्षात्कार में पहली बार यह माना है कि ऑपरेशन सिंदूर के पहले ही दिन पाकिस्तान ने भारत के कुछ लड़ाकू हवाई जहाज गिरा दिए थे। हालांकि, उन्होंने नुकसान के विस्तृत विवरण और कारणों का खुलासा नहीं किया। उन्होंने कहा कि यह जानना अधिक जरूरी है कि यह नुकसान क्यों हुआ, न कि केवल कितने विमान क्षतिग्रस्त हुए। साथ ही, पाकिस्तान द्वारा छह भारतीय विमानों को गिराने के दावे को उन्होंने “पूरी तरह से झूठा और भ्रामक” करार दिया।
इस खुलासे के बाद राजनीतिक गलियारों में भारी हलचल मची है। विपक्षी दलों ने सरकार पर पारदर्शिता की कमी और जनता को गुमराह करने के आरोप लगाए हैं। एड. आंबेडकर ने ‘एक्स’ पर लिखा “यह कोई मामूली मामला नहीं है। क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को गुमराह किया है? जब रक्षा प्रमुख ने हवाई हमलों में नुकसान की बात स्वीकार की है, तो प्रधानमंत्री देश को विस्तार से बताएंगे कि वास्तव में क्या हुआ?”
This is NOT a trivial matter!
Did the Prime Minister misled the nation all this time?
Could the Prime Minister explain what “losses” is the Chief of Defence Staff General Anil Chauhan talked about in his interview in Singapore?
The Prime Minister should answer these very… pic.twitter.com/Ih9YjlheMT
— Prakash Ambedkar (@Prksh_Ambedkar) June 1, 2025
एड. प्रकाश आंबेडकर ने यह भी कहा “यह राष्ट्रीय सुरक्षा और पारदर्शिता का सवाल है। सरकार की जिम्मेदारी है कि वह सच सामने लाए।” यह खुलासा न केवल सरकार की पारदर्शिता पर प्रश्नचिह्न लगाता है, बल्कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे को राजनीतिक रूप से भी संवेदनशील बना देता है। विपक्ष सरकार पर दबाव बढ़ा रहा है कि वह सच सामने लाए। यह मामला आने वाले दिनों में संसद और सड़कों दोनों पर गूंज सकता है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया है। उन्होंने कहा “मुख्य रक्षा प्रमुख के सिंगापुर इंटरव्यू के बाद गंभीर सवाल उठे हैं। सरकार ने देश को अंधेरे में रखा है। संसद का विशेष सत्र बुलाना चाहिए ताकि जवाब मांगा जा सके।” उन्होंने वायुसेना के पायलटों की वीरता को भी सलाम किया और कहा कि उन्हें पूरा समर्थन मिलना चाहिए। साथ ही, सरकार को जवाबदेह ठहराने की भी मांग की। खड़गे ने ‘कारगिल समीक्षा समिति’ की तर्ज पर एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति गठित करने की भी मांग की, जो देश की रक्षा तैयारियों की व्यापक समीक्षा करे।
विपक्ष ने सरकार से पूछा है कि यदि पहले से भारतीय विमानों के नुकसान की जानकारी थी, तो इसे क्यों छुपाया गया। इस मामले में सरकार की मंशा पर सवाल खड़े हो रहे हैं। अभी तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या रक्षा मंत्रालय की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।