ओबीसी समुदाय का अनशन खत्म (सौजन्य-नवभारत)
OBC Protest Ends: अकोला जिले में महाराष्ट्र सरकार द्वारा हैदराबाद गैजेट लागू कर मराठा समाज को ओबीसी आरक्षण में शामिल करने के प्रयास का विरोध करते हुए ओबीसी समाज ने शहर में तीव्र आंदोलन शुरू किया था। इस निर्णय को अन्यायपूर्ण बताते हुए 15 सितंबर से पांच प्रतिनिधियों ने जिलाधिकारी कार्यालय के सामने बेमियादी अनशन शुरू किया था, जिसे जिलेभर से व्यापक समर्थन मिला।
लगातार 10 दिनों तक चले इस अनशन के बाद ओबीसी समाज ने गुरूवार को आक्रोश सभा का आयोजन किया। सभा के पश्चात पूर्व मंत्री सुधाकर गणगणे ने आंदोलनकारियों को ज्यूस पिलाकर अनशन समाप्त कराया। अनशन में शामिल जनार्दन हिरलकर, शंकर पारेकर, पुष्पा गुलवाडे, राजेश ढोमणे और एड. भाऊसाहब मेडशिकर को तत्काल चिकित्सकीय उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया।
सभा में पूर्व विधायक नारायण गव्हाणकर, पूर्व विधायक हरिदास भदे, विजय कोसल, प्रा.डा. संतोष हुशे, सुभाष सातव, सदाशिव शेलके, एड. प्रकाश दाते, प्रा. विजय उजवणे, चंदू सावजी, अनिल शिंदे, विष्णु मेहरे, नंदू बोपूलकर, गणेश इंगोले, सुमित्रा निखाडे, अर्चना धनोकार, माया इरतकर, श्रीराम पालकर, डा. शंकरराव सांगले, गणेश वाडतकर, गणेश पाडसुलकर, संतोष सरोदे, श्रावण धारपवार, भानुदास नंदाने, अरविंद महाले, नरेंद्र लखाडे, बबन उबाले, डा. सुरेश बच्चे और दादाराव सुलताने सहित अनेक गणमान्य उपस्थित थे। आंदोलन स्थगित कर ओबीसी समाज ने अब कानूनी लड़ाई के माध्यम से अपने अधिकारों की रक्षा का संकल्प लिया है।
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अकोला जिले में अड़गांव बु. के 33 केवी उपकेंद्र अंतर्गत पिछले कुछ दिनों से बिजली आपूर्ति में बार-बार बाधा आ रही है, जिससे ग्रामीण परेशान हैं। फ्यूज उड़ना, वोल्टेज में उतार-चढ़ाव और ट्रांसफॉर्मर पर अधिक लोड के कारण टीवी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन जैसे महंगे उपकरण खराब हो रहे हैं। उपकेंद्र पर क्षमता से अधिक लोड होने से ट्रांसफॉर्मर पर भारी दबाव है। मामूली खराबी पर भी घंटों बिजली बंद रहती है।