
मलजल शुद्धिकरण को मिलेगी गति (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Akola News: अमृत योजना के पहले चरण में शिलोडा स्थित मलजल शुद्धिकरण केंद्र की देखभाल और मरम्मत का कार्य संबंधित कंपनी ने शुरू कर दिया है। इसके साथ ही लंबे समय से अधर में लटकी यह योजना अब पूर्ण रूप से कार्यान्वित होने की दिशा में आगे बढ़ी है। अमृत योजना के पहले चरण में 6.7 करोड़ रुपये खर्च कर भूमिगत गटर योजना का कार्य किया गया था। इसके अंतर्गत शिलोडा में 30 एमएलडी क्षमता का तथा पिकेवी परिसर में 7 एमएलडी क्षमता का मलजल शुद्धिकरण केंद्र बनाया गया।
इसके अलावा मोर्णा नदी के दोनों किनारों पर क्रमशः 2.38 किमी और 11.68 किमी लंबी ट्रंकलाइन बिछाई गई। मोर्णा नदी में कुल 38 नाले मिलते हैं। इन नालों का पानी पहले सीधे नदी में जाता था, लेकिन अब ट्रंकलाइन के माध्यम से शिलोडा स्थित केंद्र तक पहुंचकर शुद्ध किया जाएगा। योजना का निर्माण कार्य पहले ही पूरा हो चुका था, लेकिन तकनीकी कारणों से इसका संचालन शुरू नहीं हो सका था।
मोर्णा नदी से जुड़ने वाले 38 नालों के मुहानों पर चेंबर बनाए गए थे और कचरा मलजलवाहिनी में न जाए, इसके लिए लोहे की जालियां लगाई गई थीं। हालांकि, चोरी के कारण अधिकांश जालियां गायब हो चुकी हैं। अब जब योजना का कार्यान्वयन शुरू हो रहा है, तब इन जालियों की पुनः स्थापना और सुरक्षा ठेकेदार के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है। यदि गंदा सीधे मलजलवाहिनी में पहुंचा, तो पाइपलाइन चोक होने की आशंका बढ़ जाएगी।
इस योजना का लोकार्पण पूर्व पालकमंत्री बच्चू कडू की उपस्थिति में किया गया था, लेकिन इसके बावजूद तीन वर्षों तक मलजल शुद्धिकरण की प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी। प्रशासन द्वारा पहले तीन बार निविदाएं जारी की गईं, लेकिन अमल नहीं हो पाया। चौथी बार अधिक दरों के कारण निविदा प्रक्रिया विफल रही। अंततः पांचवीं बार निविदा जारी कर ठाणे की एक कंपनी को यह कार्य सौंपा गया। कंपनी को तीन वर्षों के लिए देखभाल और मरम्मत की जिम्मेदारी दी गई है, जिस पर मनपा को लगभग 6 करोड़ 75 लाख रुपये खर्च करने होंगे।
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