उपमुख्यमंत्री अजित पवार (सोर्स: सोशल मीडिया)
मुंबई: देश में हिन्दी भाषा पर हो रहे विवाद के बीच महाराष्ट्र ने बड़ा ऐलान किया है। राज्य के उप मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अजित पवार ने अपना 11वां और महायुति सरकार का पहला बजट पेश करते हुए ऐलान किया है कि महाराष्ट्र सरकार हर साल मराठी भाषा सम्मान दिवस मनाएगी। इसके लिए 3 अक्टूबर का दिन तय किया गया है। यानी अब हर साल 3 अक्टूबर को महाराष्ट्र में मराठी भाषा सम्मान दिवस के तौर पर मनाया जाएगा।
वित्त मंत्री अजित पवार ने आज विधानसभा में कहा कि मराठी भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिए जाने के बाद अब 3 अक्टूबर को ‘शास्त्रीय मराठी भाषा सम्मान दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिलाने के लिए हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आभारी हैं।
अजित पवार ने कहा कि राज्य के लोगों और दुनिया भर के मराठी भाषियों की ओर से मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को 3 अक्टूबर 2024 को आयोजित केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में हमारी मूल मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने के लिए ईमानदारी से धन्यवाद देता हूं।
उपमुख्यमंत्री पवार ने कहा कि अब से हर साल 3 अक्टूबर को ही शास्त्रीय मराठी भाषा सम्मान दिवस के रूप में मनाया जाएगा, जबकि 3 से 9 अक्टूबर तक ‘शास्त्रीय मराठी भाषा सप्ताह’ मनाया जाएगा। अजित पवार ने यह भी कहा कि शास्त्रीय मराठी भाषा के अनुसंधान और अध्ययन के लिए मराठी भाषा विश्वविद्यालय, रिद्धपुर में एक उच्च गुणवत्ता वाला अनुसंधान केंद्र और अनुवाद अकादमी की स्थापना की जाएगी।
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इसके अलावा मराठी भाषा के संरक्षण के लिए काम करने वाले संगठनों के माध्यम से शास्त्रीय मराठी भाषा की गतिविधियों को लागू किया जाएगा। वित्त मंत्री अजित पवार ने यह भी ऐलान किया कि मराठी भाषा अनुसंधान में उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए पुरस्कार शुरू किए जाएंगे।
देवेंद्र फडणवीस सरकार के इस बजट में मराठी अस्मिता पर खासा जोर दिया गया है। वित्त मंत्री अजित पवार ने ऐलान किया कि यूपी के आगरा में महाराज छत्रपति शिवाजी का एक स्मारक बनेगा। यह स्मारक उस स्थान पर बनेगा, जहां से मुगलों की कैद से छूटकर शिवाजी निकले थे।