टीचर्स ने किया'TET'सक्ति का विरोध (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Ahilyanagar Teachers’ March: TET की अनिवार्यता, पुरानी पेंशन, खाली पदों की भर्ती और कई लंबित मांगों को लेकर जिला प्राइमरी और सेकेंडरी टीचर्स एसोसिएशन द्वारा जिला कलेक्टर ऑफिस तक एक बड़ा मार्च निकाला गया। शिक्षकों की मुख्य मांग है कि TET की अनिवार्यता तुरंत हटाई जाए और शिक्षा विभाग से जुड़े लंबित मुद्दों पर त्वरित निर्णय लिया जाए। शिक्षकों ने जिला कलेक्टर को एक ज्ञापन भी सौंपा।
इस आंदोलन में MLA सत्यजीत तांबे, शिक्षक नेता प्रवीण थुबे, रावसाहेब रोहोकले, संजय कलमकर, आबासाहेब जगताप, संजय धमाने, भास्कर नरसाले, अविनाश निंभोरे, सुनील पंडित, महेश हिंगे सहित जिले के कई वरिष्ठ नेता और बड़ी संख्या में शिक्षक शामिल हुए।
एसोसिएशन ने कहा कि TET अनिवार्य करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर रिव्यू पिटीशन दायर करने में सरकार की देरी चिंताजनक है। इससे राज्य में शिक्षकों में नाराज़गी बढ़ रही है। TET रिज़ल्ट की गलत व्याख्या कर शिक्षकों पर की जा रही कार्रवाई तुरंत रोकी जाए।
टीचर्स ने कहा कि उन पर थोपे जा रहे नॉन-एकेडमिक व ऑनलाइन काम बंद किए जाएं। सब्जेक्ट ग्रेजुएट टीचर्स को बिना भेदभाव ग्रेजुएट पे-स्केल दिया जाए।
ये भी पढ़े: फैशन का रूप ले चुका ईयरफोन, कान की समस्या से जुझ रहे युवा, बहरापन और डिप्रेशन की बढ़ी समस्याएं
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सेवारत शिक्षकों पर TET पास करने की अनिवार्यता लागू हुई है। इससे राज्यभर के शिक्षकों में गुस्सा और भ्रम की स्थिति है। शिक्षक एवं गैर-शिक्षक संगठन समन्वय समिति ने कलेक्टर ऑफिस पर मार्च निकाला और कहा कि राज्य सरकार तुरंत रिव्यू पिटीशन दाखिल करे,केंद्र के साथ फॉलोअप कर इस निर्णय में संशोधन करवाया जाए, नॉन-एकेडमिक कामों से शिक्षकों को मुक्त किया जाए, पहली बार प्राइमरी और सेकेंडरी स्कूलों की बड़ी यूनियनें एकसाथ सड़क पर उतरी हैं। शिक्षकों ने कहा कि शिक्षा क्षेत्र की समस्याओं पर सरकार को तुरंत गंभीरता से कदम उठाना चाहिए।