महायुति का 150 करोड़ का मास्टरस्ट्रोक (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Ahilyanagar News: आगामी स्थानीय निकाय चुनावों की पूर्वसंध्या और आदर्श आचार संहिता लागू होने के ठीक पहले जिला परिषद ने लगभग 155 करोड़ रुपये के 1443 विकास कार्यों को प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की है। इसलिए, समूहों और गांवों में विकास कार्यों के शिलान्यास के साथ ही, मानो महायुति के अभियान का भी परचम लहरा रहा है। बताया जा रहा है कि भाजपा मंत्री और जिले के पालक मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने महाविकास अघाड़ी को यह मास्टर स्ट्रोक दिया है।
जिला परिषद को स्थानीय विकास का केंद्र बिंदु कहा जाता है। राजनीति में हर पार्टी मानती है कि यह केंद्र बिंदु उसके नियंत्रण में होना चाहिए। इसलिए आने वाले समय में भी मिनी मंत्र में सत्ता हासिल करने के लिए सभी दलों द्वारा तैयारी चल रही है। जिले में पालक मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल की अदूरदर्शिता के कारण, महायुति जिले में दो कदम आगे दिखाई दे रही है। जहां एक ओर महाविकास अघाड़ी में गतिरोध अभी तक हल नहीं हुआ है, वहीं दूसरी ओर, महायुति समूहों के बीच उत्साह से नारियल फोड़ती नजर आ रही है।
पालकमंत्री विखे पाटिल के मार्गदर्शन में प्रशासक आनंद भंडारी ने कई कार्यों को प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की है। इसमें अनुसूचित जाति और नवबौद्ध समुदायों के विकास के लिए समाज कल्याण विभाग (दलित) के माध्यम से नवबौद्ध बस्तियों में सड़क, सीवरेज, बिजली जैसे 40 करोड़ रुपये के 599 कार्यों को मंजूरी दी गई है। इन कार्यों के माध्यम से गांवों और बस्तियों में स्थित नवबौद्ध बस्तियों तक विकास की गंगा पहुंचाई जा रही है। खाता शीर्ष 3054 के तहत, जिला परिषद के उत्तर और दक्षिण निर्माण विभाग से 167 कार्यों को मंजूरी दी गई है और इसके लिए 36.77 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
इसके माध्यम से गांवों और बस्तियों में कई रुके हुए सड़क कार्य शुरू किए जा सकेंगे। नागरिक सुविधाओं के अंतर्गत 308 कार्य स्वीकृत किए गए हैं, जिनके लिए 32 करोड़ 33 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है। जन सुविधाओं से 309 कार्य लिए गए हैं, जिन पर 29 करोड़ 24 लाख रुपये खर्च होंगे। इसमें कब्रिस्तान सौंदर्यीकरण, सड़कें, भवन निर्माण जैसे कार्य शामिल हैं। साथ ही, तीर्थ स्थलों के विकास के लिए 60 कार्य स्वीकृत किए गए हैं, जिनके लिए 9 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इससे तीर्थ स्थलों का विकास होगा। इससे कुछ तीर्थ स्थलों में पर्यटन के अवसर भी उपलब्ध होंगे।
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कुल मिलाकर, चुनाव नज़दीक आते ही हो रहे विकास परियोजनाओं के शिलान्यास सत्तारूढ़ महागठबंधन के लिए फ़ायदेमंद साबित हो रहे हैं। इसे विपक्ष के लिए एक बड़ा दांव माना जा रहा है क्योंकि इस माध्यम से गठबंधन जनता तक अपनी बात पहुँचा सकता है।