आषाढी वारी में आनेवाले वारकरियों के स्वागत हेतु प्रशासन तैयार (सौजन्यः सोशल मीडिया)
अहिल्यानगर: 10 दिन में आषाढ़ी वारी आने वाली है। पंढरी के पांडुरंग के दर्शन के लिए पैदल जाने वाले संत निवृत्तिनाथ, संत निलोबाराय, संत एकनाथ महाराज सहित करीब 298 श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए अहिल्यानगर प्रशासन तैयार है। जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आनंद भंडारी ने कल सभी विभाग प्रमुखों के साथ बैठक कर श्रद्धालुओं की व्यवस्थाओं के संबंध में निर्देश दिए। इसके अलावा पुलिस, स्वास्थ्य, निर्माण, महावितरण और मनपा द्वारा भी दी गई जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए गतिविधियां तेज कर दी गई हैं।
हर साल वारकरी दिंडी से पैदल पंढरपुर जाते हैं। इस दिंडी में वारकरी बड़ी संख्या में होते हैं। पालकमंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने जिला प्रशासन को निर्देश दिया है कि वारकरी के रास्ते में उन्हें पीने का पानी, आवास, दवाइयां आदि उपलब्ध कराई जाएं। इसके लिए विभागवार जिम्मेदारियां भी सौंपी गई हैं। जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आनंद भंडारी के मार्गदर्शन में ग्राम पंचायत विभाग के उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी दादासाहेब गुंजाल और ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के अधिशासी अभियंता चव्हाण आवास स्थलों पर प्राथमिक, माध्यमिक विद्यालयों, महाविद्यालयों और विवाह हॉल के लिए कमरे उपलब्ध कराने और अवसरों पर जलरोधी टेंट की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए जिम्मेदार हैं।
स्वच्छ पेयजल महिला वारकरी के लिए अलग शौचालय की सुविधा उपलब्ध कराना तथा दिंडी उत्सव की योजना के लिए नियंत्रण कक्ष स्थापित करना इसकी जिम्मेदारी है। अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी संभाजी लंगोरे ने दिंडी मार्ग का निरीक्षण कर मरम्मत सहित आवश्यक सुविधाओं के बारे में प्रशासन को निर्देश दिए हैं। कार्यकारी अभियंता दिलीप नन्नावरे और सागर चौधरी को घोडेगांव से भांबुरा, खड़की से हाटगांव, वडगांव से अंतरवाली, मुंगुसवाड़ी-पाथर्डी, कोरेगांव-रावगांव आदि मार्गों पर मरम्मत और गड्ढे भरने का काम सौंपा गया है।
पुलिस अधीक्षक सोमनाथ घर्गे को जिले में प्रवेश के बाद से ही दिंडी और दिंडी रथ के साथ-साथ पर्याप्त सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई है। दिंडी मार्ग पर चोरी रोकने और रुकने के स्थानों पर चोरी रोकने के लिए सुरक्षा रखी जाएगी। वे दिंडी मार्ग पर भारी वाहनों को रोकने की योजना भी बनाते नजर आ रहे हैं। शहर में ठहरने के लिए आने वाले दिंडी जुलूसों की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी मनपा आयुक्त यशवंत डांगे को दी गई है। शहर में जुलूसों के मार्ग पर स्वागत द्वार बनाने, ठहरने के स्थानों पर दमकल की व्यवस्था करने समेत अन्य कार्यों पर उनका तंत्र काम कर रहा है।
जिला शल्य चिकित्सक डॉ. नागेश चव्हाण और जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बापूसाहेब नागरगोजे को दिंडी मार्ग पर स्थित क्लीनिक और डॉक्टरों के मोबाइल नंबर प्रकाशित करने, ठहरने के स्थानों पर स्वास्थ्य दल भेजने, एंबुलेंस उपलब्ध कराने और दवाइयां उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी दी गई है। डॉ. चव्हाण ने कल प्रशासन के साथ बैठक कर तैयारियों का जायजा लिया। दिंडी मार्ग की तत्काल मरम्मत, साइड स्ट्रिप, गड्ढे भरने, पारेगांव से तलेगांव दिघे, देवलाली प्रवर से राहुरी, राहुरी से वम्बोरी (साडे होते हुए) मार्ग की मरम्मत करने, उपाय करने आदि की जिम्मेदारी अधीक्षक अभियंता बाविस्कर पर है। उन्होंने पिछले सप्ताह ही काम में तेजी लाई है। बताया जाता है कि ये काम अंतिम चरण में हैं।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण नगर-सोलापुर राजमार्ग पर हर पांच किमी पर मंडप, कुर्सियां, पेयजल जैसी अस्थायी विश्राम सुविधाएं उपलब्ध करा रहा है। सुझाव है कि बेलवंडी से बेलवंडी फाटा तक की सड़क की तत्काल मरम्मत की जानी चाहिए। महावितरण के इंजीनियरों के पास विश्राम स्थलों पर बिजली पहुंचाने जैसी जिम्मेदारियां हैं। समझा जाता है कि उनकी ओर से टीम भी तैयार है। कुल मिलाकर, पालकमंत्री विखे पाटिल के सुझाव के अनुसार और जिला कलेक्टर डॉ. आशिया के मार्गदर्शन में जिला प्रशासन वारकरियों के स्वागत के लिए तैयार है।
वाटर प्रूफ टेंट लगाने की व्यवस्था की जाएगी। पालकी के साथ मोबाइल शौचालय, मोबाइल बाथरूम, पेयजल की व्यवस्था, चिकित्सा सुविधा, आश्रय केंद्र, मूलभूत सुविधाएं, स्वागत कक्ष आदि की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी संबंधित ग्राम पंचायतों को दी जाएगी। पालकी मार्ग पर सड़कों की मरम्मत की जा रही है। इन कार्यों के लिए 3.99 करोड़ रुपए की जरूरत है। पता चला है कि जिला कलेक्टर और मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने ग्रामीण विकास विभाग को ऐसा प्रस्ताव भेजा है।