(फाइल फोटो)
मुंबई: लाल परी के नाम से जानी जाने वाली महाराष्ट्र महामंडल की ‘एसटी बसों’ पर लोगों का भरोसा है। बस की पहुंच महाराष्ट्र के शहरों से लेकर गांवों तक हैं। त्योहारों पर तो लोगों को उनके गंतव्यों तक पहुंचाने के लिए अतिरिक्त बसें भी चलाई जाती है। साथ ही महाराष्ट्र सरकार ने महिलाओं के लिए बसों की टिकट आधी कर दी है। हालांकि कुछ बसें, दुर्घटनाओं की शिकार भी हो जाती है। मिली जानकारी के अनुसार 2018 से लेकर 2024 तक यानी 6 सालों में 15,767 एसटी बस दुर्घटनाएं हुई, जिसमें 1,996 यात्रियों ने अपनी जान गंवाई है। इस वजह से कई बार लोगों को इस बस में यात्रा करने से डर लगने लगा है।
बता दें कि गावों में तो एसटी बसों के ड्राइवर और कंडक्टरों का गांव के लोगों से अच्छा संबंध होता है। क्योंकि वहां के लोग रोजमर्रा की जिंदगी में बस से यात्रा करते है। लेकिन इन हादसों में सिर्फ यात्रियों ने नहीं बल्कि एसटी के कर्मचारी ने भी अपनी जान गवाई है। मिली जानकारी के अनुसार इन 6 सालों में 46 एसटी कर्मचारियों ने भी अपनी जान गंवाई है।
यह भी पढ़ें:– महाराष्ट्र सरकार भक्तों को मुफ्त में कराएगी तीर्थ दर्शन, जानिए क्या है नियम और कैसे करे आवेदन
साल | 2018-19 | 19-20 | 20-21 | 21-22 | 22-23 | 23-24 | कुल |
एक्सीडेंट | 3310 | 3337 | 1444 | 1281 | 3014 | 3381 | 15,767 |
मृत्यु | 441 | 474 | 166 | 151 | 343 | 421 | 1996 |
एसटी अधिकारी ने कहा कि हम कोशिश कर रहे है कि बस के एक्सीडेंट के नंबरों में कमी आएं। चालकों की ट्रेनिंग पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है। हमें उम्मीद है कि आने वाले समय में यह हादसे कम होंगे।
यह भी पढ़ें:– केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किए लालबाग के राजा के दर्शन, शरद पवार भी पहुंचे सहपरिवार
मिली जानकारी के अनुसार, वर्तमान में युवा वर्ग को एसटी में प्रवास करना पसंद नहीं आ रहा है, एसटी बसों की बजाय वे लोग प्राइवेट बसों, ट्रेनों और फ्लाइट से यात्रा करना पसंद करते है। उनका मानना है कि इन बसों की सुविधाएं अच्छी नहीं होती है। हालांकि एसटी प्राधिकरण अब हाई टेक बसें लाना शुरू कर चुका है। कुछ बसें वर्तमान में चलाई जा रही है तो कुछ के आर्डर दिए गए है। बता दें कि प्राइवेट बसों के दुर्घटनाओं के नंबर में भी इजाफा हुआ है।