मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री अजित पवार व एकनाथ शिंदे (डिजाइन फोटो)
मुंबई: महाराष्ट्र की महायुति सरकार की मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में 11 महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में महाराष्ट्र को भिखारियों से मुक्त करने के संदर्भ में महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। जिसके तहत महाराष्ट्र सरकार ने पुनर्वसन गृहों में काम करने वाले भिक्षुकों का मेहनताना बढ़ाने का निर्णय लिया है।
सरकार अब भिखारियों को कृषि एवं लघु उद्योगों में व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करके आत्मनिर्भर बनाएगी। पुनर्वसन आत्मनिर्भर बनने के लिए भिखारियों द्वारा की जानेवाली मेहनत के बदले सरकार प्रतिदिन 40 रुपए मेहनताना देगी। अर्थात मिशन भिखारी मुक्त महाराष्ट्र के तहत के सरकार भिक्षुकों को प्रतिमाह 1200 रुपए मेहनताना देकर काम सिखाएगी।
भिखारियों को अब से भिक्षागृह में काम के बदले प्रतिदिन 5 रुपए की बजाय 40 रुपए मेहनताना देने का निर्णय मंगलवार को कैबिनेट बैठक में लिया गया। भीख मांगने की आदत को कम करने के उद्देश्य से महाराष्ट्र भिक्षावृत्ति निषेध अधिनियम 1964 से राज्य में लागू है। इसके तहत भिखारियों के पुनर्वास के लिए राज्य में 14 भिक्षुक गृह चलाए जा रहे हैं। इस भिक्षुणी आश्रम में 4,127 लोगों को पुनर्वासित किया गया है।
मंत्रिमंडल की बैठक में पुणे जिले के मुल्शी तालुका स्थित टेमघर परियोजना के शेष कार्य और रिसाव रोकथाम उपायों के लिए 488 करोड़ 53 लाख रुपए के व्यय को मंजूरी दी गई। मौजे लावार्डे-टेमघर (मुलशी तालुका) में मुथा नदी पर 3,812 अघफू की भंडारण क्षमता वाला बांध बनाया गया है।
कृष्णा घाटी विकास निगम के तहत, इस परियोजना से पुणे शहर को 3.409 बिलियन क्यूबिक फीट पेयजल और बांध के नीचे नदी पर पांच कोल्हापुरी बैराजों के माध्यम से मुलशी तालुका के नौ गांवों में एक हजार हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचाई सुविधाएं प्रदान करने की योजना है।
राज्य में एकीकृत छात्रवृत्ति योजना प्रधानमंत्री-वाइब्रेंट इंडिया के लिए युवा उपलब्धि छात्रवृत्ति पुरस्कार योजना (पीएम-यशस्वी) के लिए केंद्रीय दिशानिर्देशों के कार्यान्वयन को मंजूरी दी गई। योजना के अंतर्गत ओबीसी एवं डीएनटी वर्ग के विद्यार्थियों के लिए भारत सरकार प्री-मैट्रिक एवं पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत वर्ष 2021-22 से 2025-26 के लिए केंद्र सरकार द्वारा जारी संशोधित दिशा-निर्देश लागू कर दिए गए हैं।
राज्य में सड़क और पुल जैसी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में तेजी लाने और पूंजी जुटाने के लिए कैबिनेट बैठक में ‘महा इनविट- इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट’ की स्थापना को मंजूरी दी गई। यह निर्णय बुनियादी ढांचे के विकास के लिए धन जुटाने के लिए एक नया मंच प्रदान करेगा और निजी और सार्वजनिक निवेशकों को स्थिर रिटर्न का अवसर प्रदान करेगा। महाराष्ट्र इनविट स्थापित करने वाला देश का पहला राज्य है।
बैठक में एक नई योजना के कार्यान्वयन को मंजूरी दी गई, जो कृषि में पूंजी निवेश बढ़ाने और बुनियादी ढांचे के निर्माण पर केंद्रित है। योजना कृषि में पूंजी निवेश बढ़ाने और बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए लागू की जाएगी। योजना के लिए कुल 25,000 करोड़ रुपए का प्रावधान करने को मंजूरी दी गई।
बैठक में आदिवासी विकास विभाग द्वारा अनुसूचित जनजातियों के लिए कार्यान्वित की जा रही योजनाओं की तर्ज पर गौंड गोवारी समुदाय के विकास के लिए विशेष कार्यक्रमों के कार्यान्वयन को मंजूरी दी गई। इसमें शिक्षा, आवास, रोजगार, उद्योग और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए प्रशिक्षण जैसे विभिन्न क्षेत्रों में बहुआयामी योजनाएं शामिल होंगी।
महाराष्ट्र राज्य अन्य पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास महामंडल तथा वसंतराव नाईक विमुक्त जाति एवं घुमंतू जनजाति विकास महामंडल द्वारा प्रदत्त व्यक्तिगत ऋण ब्याज पुनर्भुगतान योजना की सीमा को 10 लाख रुपए से बढ़ाकर 15 लाख रुपए करने को मंजूरी दी गई।
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राज्य मंत्रिमंडल ने जहाज निर्माण, जहाज मरम्मत सुविधाएं और जहाज रीसाइक्लिंग सुविधाएं, तीनों प्रकार की गतिविधियों को बढ़ाने का निर्णय लिया है। क्योंकि इससे बड़ी मात्रा में रोजगार पैदा होता है और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलता है। महाराष्ट्र, जिसमें 20 से अधिक छोटे बंदरगाह हैं, बहुत बड़ी मात्रा में व्यापार उत्पन्न कर सकते हैं। इस संबंध में, राज्य मंत्रिमंडल ने नीति को मंजूरी दी है।