सावन महीने के चौथे और अंतिम सोमवार को मध्य प्रदेश के उज्जैन में विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती के दौरान भक्तों का जन जनसैलाब उमड़ा। महाकाल के धाम में रात 02:30 बजे तड़के पट खुलते ही भस्म आरती हुई। इसके बाद बाबा महाकाल को भांग, चन्दन और आभूषणों से राजा स्वरूप श्रृंगार किया गया। उसके बाद भक्तों के दर्शन का सिलसिला शूरू हुआ। इसके साथ ही मंदिर परिसर जय श्री महाकाल के जयकारों से गूंज उठा। विश्व में एक मात्र ‘दक्षिण मुखी श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की भस्म आरती की खास मान्याता है। बता दें कि, सावन के अंतिम सोमवार होने के कार रविवार रात से ही बड़ी संख्या में भक्त महाकाल मंदिर में पहुंचने लगे थे।
सावन महीने के चौथे और अंतिम सोमवार को मध्य प्रदेश के उज्जैन में विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती के दौरान भक्तों का जन जनसैलाब उमड़ा। महाकाल के धाम में रात 02:30 बजे तड़के पट खुलते ही भस्म आरती हुई। इसके बाद बाबा महाकाल को भांग, चन्दन और आभूषणों से राजा स्वरूप श्रृंगार किया गया। उसके बाद भक्तों के दर्शन का सिलसिला शूरू हुआ। इसके साथ ही मंदिर परिसर जय श्री महाकाल के जयकारों से गूंज उठा। विश्व में एक मात्र ‘दक्षिण मुखी श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की भस्म आरती की खास मान्याता है। बता दें कि, सावन के अंतिम सोमवार होने के कार रविवार रात से ही बड़ी संख्या में भक्त महाकाल मंदिर में पहुंचने लगे थे।