एमपी के सीएम मोहन यादव (फोटो- सोशल मीडिया)
भोपाल: मध्यप्रदेश सरकार ने शासन संचालन को अधिक प्रभावी और त्वरित बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। हालिया कैबिनेट बैठक में 13 साल पुराने वित्तीय अधिकारों के नियम को संशोधित करते हुए विभागाध्यक्षों को अधिक निर्णयात्मक शक्तियां प्रदान की गई हैं। इससे जहां सरकारी कामकाज में तेजी आएगी, वहीं विभागीय बजट का बेहतर उपयोग सुनिश्चित हो सकेगा। साथ ही स्वास्थ्य क्षेत्र में महिलाओं के लिए विशेष अभियान की शुरुआत, पर्यटन को अंतरराष्ट्रीय पहचान देने की योजना और निवेश के नए आयामों पर भी कैबिनेट में अहम निर्णय लिए गए हैं, जो प्रदेश को नई दिशा देंगे।
प्रदेश सरकार ने महिला स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए 30 मई से ब्लॉक स्तर पर विशेष स्वास्थ्य शिविर आयोजित करने का निर्णय लिया है। इसमें महिलाओं की ब्रेस्ट कैंसर स्क्रीनिंग भी की जाएगी। वहीं भोपाल में 31 मई को महिला सशक्तिकरण सम्मेलन आयोजित होगा, जहां महत्वपूर्ण परियोजनाओं का वर्चुअल उद्घाटन होगा। ये पहलें प्रदेश को सामाजिक और आधारभूत ढांचे के स्तर पर सशक्त बनाने की दिशा में अहम मानी जा रही हैं।
वित्तीय अधिकारों में बड़ा बदलाव
मंत्रि-परिषद ने 13 साल पुराने वित्तीय अधिकार नियमों को संशोधित कर ‘वित्तीय अधिकार पुस्तिका 2025 भाग-1’ को मंजूरी दी है। इसके तहत अब विभागाध्यक्षों को 80 प्रतिशत तक मेडिकल एडवांस देने का अधिकार होगा। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की मंजूरी की आवश्यकता नहीं होगी। पुराने पदों जैसे टाइपराइटर को हटाकर कंप्यूटर ऑपरेटर जैसे आधुनिक पद सृजित किए गए हैं। यह बदलाव 1 जुलाई 2025 से लागू होंगे और इससे फैसलों की प्रक्रिया में तेजी आएगी।
निवेश, पर्यटन और स्वास्थ्य पर फोकस
प्रदेश सरकार ने ‘विकसित मध्यप्रदेश 2047’ विजन डॉक्युमेंट पर मंथन शुरू कर दिया है। हाल में हुए किसान उद्योग समागम में 4736 करोड़ का निवेश प्राप्त हुआ, जिससे हजारों रोजगार सृजित होंगे। सरकार एक अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल विकसित करने की दिशा में भी कार्य कर रही है। साथ ही, कोविड के मद्देनजर सभी जिलों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। कैबिनेट बैठक में यह भी निर्णय हुआ कि 3 जून को पचमढ़ी में विशेष कैबिनेट बैठक आयोजित होगी।