मोहन यादव और दिग्विजय सिंह, फोटो- सोशल मीडिया
CM Mohan Yadav Comment on Digvijay Singh: मध्य प्रदेश की राजनीति में उस वक्त हलचल मच गई जब मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह को भाजपा में शामिल होने का निमंत्रण दे दिया। यह अप्रत्याशित प्रस्ताव दिग्विजय सिंह द्वारा संघ की संगठनात्मक क्षमता और जमीनी कार्यकर्ताओं की मेहनत की तारीफ करने के बाद आया है।
पूरा घटनाक्रम तब शुरू हुआ जब दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पुरानी और प्रभावशाली तस्वीर साझा की। इस फोटो में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीचे फर्श पर बैठे नजर आ रहे हैं, जबकि उनके पीछे भाजपा के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी कुर्सी पर आसीन हैं। दिग्विजय सिंह ने इस पोस्ट के माध्यम से संगठन की शक्ति को रेखांकित करते हुए लिखा कि किस प्रकार एक जमीनी स्वयंसेवक फर्श से उठकर देश का प्रधानमंत्री बनता है। उन्होंने इसे ‘प्रभावशाली’ बताते हुए ‘जय सियाराम’ के उद्घोष के साथ साझा किया।
दिग्विजय सिंह द्वारा संघ और भाजपा की कार्यप्रणाली की इस दुर्लभ प्रशंसा से मुख्यमंत्री मोहन यादव काफी उत्साहित नजर आए। इंदौर में मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि भाजपा और आरएसएस का संगठन वास्तव में तारीफ के काबिल है। मुख्यमंत्री ने दिग्विजय सिंह को बधाई देते हुए सीधे तौर पर कहा, “आइए, भाजपा में आपका स्वागत है।” उन्होंने कांग्रेस नेता के इस बदले हुए रुख को सकारात्मक रूप में लेते हुए उन्हें सत्तारूढ़ दल में शामिल होने का औपचारिक निमंत्रण दे दिया।
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हालांकि, इस पोस्ट पर राजनीतिक गलियारों में विवाद बढ़ता देख दिग्विजय सिंह ने तुरंत अपना रुख स्पष्ट किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्होंने केवल संगठन की शक्ति की तारीफ की है, जबकि वह विचारधारा के स्तर पर आरएसएस और प्रधानमंत्री मोदी के घोर विरोधी बने रहेंगे। रविवार शाम जब वे भोपाल पहुंचे और पत्रकारों ने उनसे मुख्यमंत्री के भाजपा में शामिल होने के प्रस्ताव पर सवाल किया, तो उन्होंने बेहद बेरुखी के साथ “अरे छोड़िए” कहकर बात को टाल दिया। राजनीतिक विश्लेषक इसे मुख्यमंत्री के प्रस्ताव को स्पष्ट रूप से ठुकराए जाने के रूप में देख रहे हैं।