मैगी को लेकर छात्रों में मारपीट। इमेज- एआई
Bhopal Medical Students Fight: दो मिनट में पकने वाली मैगी को लेकर भोपाल में मेडिकल छात्रों के बीच जमकर मारपीट हुई है। एक छात्र आईसीयू में भर्ती है। कुछ अन्य छात्रों को भी गंभीर चोटें आई हैं। वैसे, मैगी बनने के समय का दावा कंपनी का है।
भोपाल स्थित गांधी मेडिकल कॉलेज में गुरुवार यानी 11 नवंबर की रात मेडिकल स्टूडेंट्स AIIMS भोपाल के रेटिना फेस्ट से लौटने के बाद सुधामृत कैफे पहुंचे। यहां किसकी मैगी पहले बनेगी? इसको लेकर कहासुनी शुरू हो गई। आरोप है कि उस समय कुछ छात्र नशे में थे और उनके कारण यह विवाद इतना बढ़ गया।
मैगी के पहले बनने को लेकर शुरू हुई बहस के कारण कुछ देर में डे-स्कॉलर और हॉस्टलर्स आमने–सामने हो गए। फिर जमकर लड़ाई होने लगी। यह लड़ाई कैफे, कॉरिडोर और फिर बाहर तक हुई। कॉलेज कैंपस में रॉड, डंडे, कुर्सियां चलने की जानकारी भी सामने आई है। इस लड़ाई में कई स्टूडेंट्स के सिर और हाथों में चोटें आई हैं। 2 स्टूडेंट गंभीर रूप से घायल हुए हैं। एक को इतनी गंभीर चोट लगी कि उसे ICU में भर्ती करना पड़ा है।
GMC प्रशासन ने आपात बैठक बुलाकर 15 छात्रों को तत्काल रूप से निलंबित कर दिया है। हॉस्टल के छात्रों को कमरे खाली करने का आदेश दिया गया है।
कॉलेज की अनुशासन समिति ने एमबीबीएस वर्ष 2023 बैच के अमन पांडे, देव रघुवंशी, विवेक मालवीय के साथ वर्ष 2024 बैच के पार्थ पाटीदार, शशांक पाटीदार, निखिल गौड़, पुष्पेंद्र कैन, ओम बजाज, आदर्श चौधरी, ऋषभ दामने, मधुर तिवारी, शिवम महावर, राहुल घाकड़, इकलेश धाकड़, अजय ब्राह्मणे को हॉस्टल का कमरा खाली करने का निर्देश दिया है। यह शायद कोई पहला मामला है, जिसमें मैगी की वजह से कुछ छात्र सस्पेंड हुए हैं।
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मामले में दोनों पक्षों ने कोहेफिजा थाने में प्रकरण दर्ज किए जाने के लिए शिकायती आवेदन भी सौंपा है। पुलिस ने मारपीट का प्रकरण दर्ज कर लिया है। पुलिस की जांच में पता चला है कि कुछ छात्र नशे की हालत में थे। उनके कारण ही माहौल खराब हुआ और कहासुनी से शुरू हुआ विवाद मारपीट और तोड़फोड़ तक जा पहुंचा। इस मारपीट में पारस मरैया और डॉ. शैलेष चौधरी को सबसे गंभीर चोटें आईं। डॉ. शैलेष को आईसीयू में भर्ती हैं। पारस को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।