भिंड से भाजपा विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव पर हाथ उठाते हुए
MLA vs Collector News: मध्य प्रदेश के भिंड में खाद संकट को लेकर किसानों का गुस्सा सड़क पर आ गया, लेकिन इस प्रदर्शन के दौरान जो हुआ उसने सबको चौंका दिया। भिंड से भाजपा विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह ने किसानों की समस्या को लेकर कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव के बंगले के बाहर ही धरना दे दिया। बात इतनी बढ़ी कि विधायक और कलेक्टर के बीच तीखी नोकझोंक हो गई। इस दौरान विधायक ने कलेक्टर को न सिर्फ गाली दी, बल्कि उन पर हाथ उठाने की कोशिश भी की, जिसके बाद वहां मौजूद गार्ड्स को बीच-बचाव करना पड़ा।
यह पूरा विवाद जिले में गहराते खाद संकट की वजह से हुआ। किसानों का आरोप है कि उन्हें खाद के लिए देर रात से सहकारी समितियों के बाहर कतार में लगना पड़ रहा है, इसके बावजूद उन्हें सिर्फ एक या दो बोरी खाद ही मिल पा रही है। किसानों का यह भी कहना है कि यही खाद खुले बाजार में ऊंचे दामों पर आसानी से बिक रही है, जिससे कालाबाजारी की आशंका बढ़ गई है। प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम न उठाए जाने से नाराज किसान विधायक के साथ कलेक्टर आवास का घेराव करने पहुंचे थे।
कलेक्टर भिंड संजीव श्रीवास्तव पर मुक्का तानते हुए ये भिंड से बीजेपी के माननीय विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह जी हैं! @GargiRawat @manishndtv @alok_pandey pic.twitter.com/cKGNSbg9Rn
— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) August 27, 2025
कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव जब अपने बंगले के गेट पर प्रदर्शनकारियों से बात करने आए, तो विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह ने उनसे तू-तड़ाक शुरू कर दी। इस पर कलेक्टर ने भी उंगली दिखाते हुए कहा, “औकात में बातचीत करना।” यह सुनते ही विधायक का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया और उन्होंने मुक्का बांधकर कलेक्टर को दिखाया। जब कलेक्टर ने रेत की चोरी न चलने देने की बात कही, तो विधायक ने पलटकर करते हुए कहा कि ‘तु ही सबसे बड़ा चोर’ है। मामला इतना गरमा गया कि विधायक ने कलेक्टर को थप्पड़ मारने के लिए हाथ तक उठा लिया, लेकिन सुरक्षा गार्डों ने बीच में आकर स्थिति को संभाला।
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नरेंद्र सिंह कुशवाह का अपनी ही सरकार और प्रशासन से भिड़ने का यह कोई पहला मामला नहीं है। उनका राजनीतिक इतिहास बगावत से भरा रहा है। साल 2008 और 2018 में जब भाजपा ने उनका टिकट काटा, तो उन्होंने बगावत करते हुए समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया था और चुनाव भी लड़ा। हालांकि, 2023 में उनकी भाजपा में वापसी हुई और वे तीसरी बार भिंड से विधायक चुने गए। करीब 9 साल पहले भी वे सदन में अपनी ही सरकार के तत्कालीन राज्यमंत्री लालसिंह आर्य को एक मामले में घेर चुके हैं, जिससे पता चलता है कि वे अपनी बात रखने में कभी पीछे नहीं हटते, चाहे सामने कोई भी हो।