विश्व मृदा दिवस
World Soil Day 2024: आज यानी 5 दिसंबर को हर साल पूरी दुनिया में विश्व मृदा दिवस के तौर पर मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का मुख्य मकसद यही है कि आम लोग भी मिट्टी की महत्व के बारे में जानें और जागरूक हों और समझें कि, मिट्टी का हमारे जीवन में क्या महत्व है और इसका संरक्षण क्यों आवश्यक है। जानकारी के लिए बता दें, मिट्टी जीवन के लिए महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि इससे पौधे का विकास होता है। और, यह कई कीड़ों और जीवों के लिए रहने की जगह है।
यह भोजन, कपड़े, आश्रय और चिकित्सा सहित चार आवश्यक ‘जीवित’ कारकों का स्रोत है। इसलिए, मिट्टी का संरक्षण आवश्यक है। इस वजह से मिट्टी के नुकसान के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिए 5 दिसंबर को विश्व मृदा दिवस (World Soil Day) मनाया जाता है। आज विश्व मृदा दिवस के अवसर पर आइए जानते हैं ‘विश्व मृदा दिवस’ मनाने की शुरुआत कब और क्यों हुई, इस दिन का इतिहास और महत्व।
कब हुई विश्व मृदा दिवस को मनाने की शुरुआत
जानकारों के मुताबिक, ‘अंतरराष्ट्रीय मृदा विज्ञान संघ’ ने 2002 में हर साल 5 दिसंबर को विश्व मृदा दिवस मनाने की बात सिफारिश की थी। साथ ही खाद्य और कृषि संगठन (Food And Agriculture Organisation) ने भी विश्व मृदा दिवस की औपचारिक स्थापना को वैश्विक जागरुकता बढ़ाने वाले मंच के रूप में थाईलैंड के नेतृत्व में समर्थन दिया। एफएओ के सम्मेलन ने सर्वसम्मति से जून 2013 में विश्व मृदा दिवस का समर्थन किया और 68 वें संयुक्त राष्ट्र महासभा में इसको आधिकारिक रूप से मनाए जाने का अनुरोध किया।
इसके बाद दिसंबर 2013 में 68 वें सत्र में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNO) ने 5 दिसंबर को ‘विश्व मृदा दिवस’ के रूप में मनाए जाने की घोषणा की। पहला ‘विश्व मृदा’ दिवस 5 दिसंबर, 2014 को मनाया गया था।
क्या है मृदा दिवस का महत्व
विश्व मृदा दिवस को मनाने की मांग उठने के पीछे मिट्टी की जरूरत और उसके महत्व को समझना जरूरी है। इस दिन को मनाने की उद्देश्य मृदा संरक्षण के लिए लोगों को जागरूक करना है। सभी स्थलीय जीवों के लिए मृदा खास महत्व रखती है। मिट्टी खनिज, भोजन और जीवन के लिए जरूरी चीजें प्रदान करती है। लेकिन कार्बनिक पदार्थ मिट्टी को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे मृदा की उर्वरता में गिरावट आती है।
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साल 2024 विश्व मृदा दिवस थीम
विश्व मृदा दिवस 2024 का विषय है ‘मृदा की देखभाल: मापें, निगरानी करें, प्रबंधन करें।’ यह विषय मृदा स्वास्थ्य का आकलन करने और प्रभावी निर्णय लेने में सटीक मृदा डेटा और सूचना की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देता है।
मृदा के मापन, निगरानी और प्रबंधन को प्राथमिकता देकर, हम टिकाऊ प्रथाओं को लागू कर सकते हैं जो खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने और पर्यावरणीय स्वास्थ्य की रक्षा के लिए आवश्यक है।