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-सीमा कुमारी
‘फूलेरा दूज’ (Phulera Dooj) 04 मार्च दिन शुक्रवार को है। यह त्यौहार हर साल फाल्गुन महीने के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। भगवान श्री कृष्ण के श्रद्धालुओं के लिए ‘फुलेरा दूज’ (Phulera Dooj) का पावन त्यौहार एक बहुत ही महत्वपूर्ण त्यौहार है।
यह त्यौहार होली के आने के संकेत के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को फाल्गुन मास में सबसे शुभ व उत्तम माना जाता है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, ‘फूलेरा दूज’ को ‘अबूझ मुहूर्त’ होता है। इस दिन आप कोई भी मांगलिक कार्य बिना मुहूर्त देखे कर सकते हैं। आइए जानें इस साल ‘फूलेरा दूज’ की सही तिथि और पूजा-मुहूर्त –
पंचांग के अनुसार, इस साल फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि का प्रारंभ 03 मार्च दिन गुरुवार को रात 09 बजकर 36 मिनट पर हो रहा है। इस तिथि का समापन अगले दिन 04 मार्च शुक्रवार को रात 08 बजकर 45 मिनट पर होगा। उदयातिथि को ध्यान में रखते हुए ‘फूलेरा दूज’ 04 मार्च को मनाई जाएगी।
इस साल ‘फूलेरा दूज’ ‘शुभ योग’ में है। 04 मार्च को ‘शुभ योग’ देर रात 01 बजकर 45 मिनट तक है। इस योग को मांगलिक कार्यों के लिए उत्तम माना जाता है। उसके बाद से ‘शुक्ल योग’प्रारंभ हो जाएगा ।
‘फूलेरा दूज’ को ‘सर्वार्थ सिद्धि योग’ और ‘अमृत सिद्धि योग’ देर रात 01 बजकर 52 मिनट से अगले दिन प्रात: 06 बजकर 42 मिनट तक है। ये दोनों ही योग शुभ कार्यों के लिए उत्तम माने जाते हैं।
विवाह, सगाई जैसे मांगलिक कार्यों के लिए ‘फूलेरा दूज’ अच्छा दिन है। इस ‘अबूझ मुहूर्त’ के कारण सभी मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं। यह दिन नए बिजनेस के आरंभ करने के लिए बढ़िया माना जाता है।
हिंदू धर्म में लोग किसी भी शुभ कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश आदि के लिए शुभ मुहूर्त का विचार करते हैं। लेकिन धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ‘फूलेरा दूज’ के दिन ‘अबूझ मुहूर्त’ होता है। इस त्योहार को सबसे महत्वपूर्ण और शुभ दिनों में से एक माना जाता है। इस दिन किसी भी तरह के हानिकारक प्रभावों और दोषों से प्रभावित नहीं होता है और इसे ‘अबूझ मुहूर्त’ माना जाता है। शुभ मुहूर्त पर विचार करने या किसी विशेष शुभ मुहूर्त को जानने के लिए पंडित से परामर्श करने की आवश्यकता नहीं है।