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आरंभ हो चुका है आषाढ़ का महीना, ‘इस’ दिन तक वर्जित है शुभ कार्य, जानिए चातुर्मास का महत्व

  • By navabharat
Updated On: Jun 26, 2022 | 07:00 AM

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-सीमा कुमारी

सनातन धर्म के कैलेंडर के अनुसार, ज्येष्ठ के बाद आषाढ़ महीना (Ashadh Month 2022) का आगमन होता है। यह हिंदू कैलेंडर का चौथा महीना है। आध्यात्मिक और धार्मिक गुरुओं के अनुसार, इस महीने शिव और विष्णु की पूजा करना बड़ा लाभकारी होता है। बरसात का आरंभ हो जाता है। इसी महीने ‘देवशयनी एकादशी’ आती है। इस एकादशी के बाद भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं। कहते हैं, इसी कारण से आषाढ़ महीने में कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित है।

आषाढ़ का आरंभ 15 जून से हो चुका है और जुलाई 13 तक आषाढ़ रहेगा। कर्नाटक में आषाढ़ का महीना 30 जून से शुरू होकर 28 जुलाई मानते हैं। इस महीने योगिनी एकादशी, प्रदोष व्रत, मासिक शिवरात्रि, हलहारिणी अमावस्या, आषाढ़ अमावस्या, गुप्त नवरात्रि, जगन्नाथ रथ यात्रा जैसे कई बड़े महत्वपूर्ण पूजा और व्रत के दिन आते हैं।

चातुर्मास का आरंभ और शुभ कार्यों की मनाही

आषाढ़ महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को भगवान विष्णु 4 महीने के लिए योग-निद्रा में चले जाते हैं। इस अवधि को चातुर्मास कहा जाता है। इस अवधि में विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश आदि शुभ और मंगल कार्यों की मनाही होती है। इस अवधि में यदि शुभ कार्य किए गए, तो अशुभ फल मिलते हैं, ऐसी मान्यता है। इस वर्ष देवशयनी एकादशी 10 जुलाई को है। चातुर्मास इस दिन से आरंभ होगा और 4 नवंबर को समाप्त होगा।

कहते हैं कि, इसमें दूध, तेल, बैंगन, पत्तेदार सब्जियां, नमकीन या मसालेदार भोजन नहीं करना चाहिए। सुपारी, मांस और मदिरा आदि पूरी तरह से वर्जित है। भगवान सूर्य की कृपा पाने के लिए बिस्तर पर नहीं बल्कि जमीन पर सोना चाहिए।

गौर करने वाली बात ये है कि चतुर्मास के दौरान सभी शुभ कार्यों की मनाही होती है, किंतु धार्मिक कार्य और पूजा-पाठ,  व्रत आदि करने के लिए यह समय सर्वोत्तम कहा जाता है। इन दिनों तुलसी पूजा करने से दरिद्रता खत्म होती है।

The month of ashadh has started auspicious work is prohibited till this day know the importance of chaturmas

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Published On: Jun 26, 2022 | 07:00 AM

Topics:  

  • Chaturmas

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