-सीमा कुमारी
नवरात्रि (Navratri) का महापर्व इस वर्ष 7 अक्टूबर, यानी अगले गुरुवार से शुरू हो रहा है, जो 14 अक्टूबर को समाप्त होंगे। नवरात्रि के पावन दिनों में मां दुर्गा की कृपा एवं आर्शीवाद पाने के लिए श्रद्धालु ‘अखंड-ज्योति’ (Akhand Jyoti) जलाते हैं। इन पावन दिनों में ‘अखंड ज्योति” का विशेष महत्व होता है।
नवरात्रि शुरू होने के पहले दिन ही कलश स्थापित होने के बाद इसे प्रज्वलित किया जाता है और अपने मन में देवी के प्रति समर्पण और भक्ति को दर्शाया जाता है। यह तन और मन में अंधकार को दूर करने का प्रतीक होता है। ‘अखंड-ज्योति’ को नवरात्रि (Navratri) में प्रज्वलित करने के अपने विशेष नियम होते हैं। इसे पूरे 9 दिन बिना बुझे जलाए रखने का प्रावधान है। यह माना जाता है कि अगर यह पूरे 9 दिन प्रज्वलित रही तो पुण्य मिलता है और घर में सुख-शांति और सम्पन्नता आती है। मां का आर्शीवाद पूरे परिवार को मिलता है। लेकिन, अगर यह बुझ गया तो इसे अपशकुन माना जाता है।
मान्यता है कि अगर भक्त संकल्प लेकर नवरात्रि में अखंड-ज्योति प्रज्वलित करे और उसे पूरी भावना और मन से जलाए रखे तो देवी प्रसन्न होती हैं और उसकी सारी मनोकामनाएं पूरा करती हैं। इस दीपक के सामने जप करने से हजार गुणा फल मिलता है। आइए जानें ‘अखंड-ज्योति’ जलाने के नियम के बारे में –