यूटोरी लाइफस्टाइल (सौ. सोशल मीडिया)
आजकल भागदौड़ भरी जिंदगी में हर किसी की लाइफस्टाइल अस्त-व्यस्त सी हो गई है। जहां पर सुबह से लेकर रात तक एक ही कामकाज चलते रहते है। इस दौरान लगातार एक ही साइकिल के चलने से दिल और दिमाग पर बोझ बढ़ जाता है। लाइफस्टाइल के इस तरह से बिगड़ने के बाद सेहत पर बुरा असर पड़ता है इसके लिए हमें स्ट्रेस फ्री रहना बेहद जरूरी रहता है।
इन स्ट्रेस को दूर करने के लिए आज हम आपको एक खास जापान की लाइफस्टाइल यूटोरी (Yutori Lifestyle) के बारे में जानकारी दे रहे हैं जो आपको स्ट्रेस फ्री रखने के साथ आपकी जिंदगी आरामदायक बनाती है। चलिए जानते हैं इस लाइफस्टाइल के बारे में…
यहां पर यूटोरी लाइफस्टाइल की बात की जाए तो, यहां पर ‘यूटोरी’ का अर्थ ‘छूट’ या ‘मुक्ति’ से होता है। इस कॉन्सेप्ट को जापान के लोगों द्वारा फॉलो किया जाता है जो जीवन को थोड़ा आसान और आरामदायक बनाता है। इस लाइफस्टाइल को फॉलो करने वालों में स्ट्रेस, थकान और बर्नआउट की समस्या छूमंतर होती है। आपकी बोरिंग सी जिंदगी में यूटोरी के आने के बाद से ऑफिस का काम हो या पढ़ाई के साथ पर्सनल लाइफ का तालमेल बना पाना आसान होता है। इस लाइफस्टाइल को अपनाने से आप इमोशनली स्ट्रॉन्ग होते है।
दरअसल यूटोरी लाइफस्टल का कॉन्सेप्ट 1990 के दशक से सामने आया है। बताया जाता है कि, देश में सबसे ज्यादा बर्नआउट और लोगों में स्ट्रेस के मामले मिल रहे थे। इसका कारण लोगों की व्यस्त जिंदगी रही है तो वहीं पर स्कूलों में पढ़ाई का प्रेशर भी ज्यादा था और सोशल लाइफ लगभग न के बराबर रह गई थी। सब काम लगातार मशीन की तरह चलते रहते थे।
इस स्थिति को खत्म करने के लिए ‘यूटोरी क्योइकु’ (Yutori Education) की शुरुआत हुई। यानि की यूटोरी लाइफस्टाइल को लाया गया तो वहीं पर पढ़ाई के दबाव को कम करना और बच्चों को ज्यादा आराम देने के साथ-साथ उनकी क्रिएटिविटी और सोचने-समझने की क्षमता को बढ़ावा देना था। यह लाइफस्टाइल बोझिल होने की बजाय आरामदायक रहा है।
यहां पर इस लाइफस्टाइल का फायदा जीवन में कैसे मिलता है चलिए जानते है इसके लिए…
1- इस लाइफस्टाइल के जरिए स्ट्रेस को कम कर पाना आसान हो गया। जहां पर ऑफिस में ज्यादा लंबे घंटे काम करने के बजाय काम के घंटों को संतुलित किया गया है। यहां पर कर्मचारी को सहूलियत दी गई कि, वे परिवार और खुद के लिए समय निकाल सकें।
2-यहां पर कर्मचारी और छात्रों के लिए लाइफस्टाइल के तहत नए नियम बनाए गए है। जहां काम के घंटों को कम किया और स्कूलों में पढ़ाई के समय में भी कटौती की ताकि सब आसान रहें।
3-जिंदगी में सिर्फ काम नहीं, बल्कि खेल, परिवार और खुद के लिए भी वक्त निकालने से जिंदगी पर बुरा प्रभाव नहीं पड़ता है आप हेल्दी रहते है।
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4- भागदौड़ भरी जिंदगी में मेंटल हेल्थ पर सबसे ज्यादा खराब असर पड़ता है। इसके लिए मेडिटेशन जैसी एक्टिविटीज के जरिए मेंटल हेल्थ को बूस्ट करने पर जोर दिया गया ताकि लोग स्ट्रेस को समझें और उसे मैनेज कर सकें।