Hindi news, हिंदी न्यूज़, Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest Hindi News
X
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • धर्म
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • करियर
  • टेक्नॉलजी
  • हेल्थ
  • ऑटोमोबाइल
  • वीडियो
  • चुनाव

  • ई-पेपर
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • राजनीति
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • क्राइम
  • नवभारत विशेष
  • मनोरंजन
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़
  • वायरल
  • अन्य
    • ऑटोमोबाइल
    • टेक्नॉलजी
    • करियर
    • धर्म
    • टूर एंड ट्रैवल
    • वीडियो
    • फोटो
    • चुनाव
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • क्राइम
  • लाइफ़स्टाइल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • राजनीति
  • बिज़नेस
  • ऑटोमोबाइल
  • टेक्नॉलजी
  • धर्म
  • वेब स्टोरीज़
  • करियर
  • टूर एंड ट्रैवल
  • वीडियो
  • फोटो
  • चुनाव
In Trends:
  • World News |
  • Asia Cup 2025 |
  • Rahul Gandhi |
  • Weather Update |
  • Bihar Assembly Elections 2025 |
  • Share Market
Follow Us
  • वेब स्टोरीज
  • फोटो
  • विडियो
  • फटाफट खबरें

कहीं शिव पूजा से पहले नंदी बैल पूजा तो कहीं घी से होता अभिषेक, अनोखी परंपराएं

उत्तर भारत से लेकर कुछ राज्यों में शिवपूजा से पहले नंदी बैल की पूजा की जाती है। कहते है कि, भगवान शिव की पूजा करने से पहले नंदी पूजा करने से भगवान तक प्रार्थना आसानी से पहुंचती है।

  • By दीपिका पाल
Updated On: Jul 15, 2025 | 07:17 AM

नंदी बैल की पूजा (सौ. सोशल मीडिया)

Follow Us
Close
Follow Us:

सावन सोमवार की शुरुआत हो गई है जहां पर पहले सोमवार का व्रत 14 जुलाई को रखा गया। व्रत के दौरान भगवान शिव की आराधना शिवभक्त भक्ति के साथ करते है। शहरी इलाकों के अलावा ग्रामीण इलाकों में सावन की अलग ही धूम देखने के लिए मिलती है। सावन सोमवार के दिन कई इलाकों में खास तरह की परंपरा निभाई जाती है।

उत्तर भारत से लेकर कुछ राज्यों में शिवपूजा से पहले नंदी बैल की पूजा की जाती है। कहते है कि, भगवान शिव की पूजा करने से पहले नंदी पूजा करने से भगवान तक प्रार्थना आसानी से पहुंचती है। चलिए जानते है कैसे की जाती है नंदी बैल की पूजा।

जानें कहां और कैसे निभाई जाती है परंपरा

आपको बताते चलें, सावन सोमवार की परंपरा उत्तरप्रदेश के अलावा मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के ग्रामीण इलाकों में भी निभाई जाती है। सोमवार की सुबह गांव के लोग नंदी बैल की पूजा विधि-विधान के साथ करते है। सावन के पहले सोमवार की सुबह लोग नंदी बैल को विशेष सम्मान देते हैं। पूजा की बात की जाए तो, सावन सोमवार के दिन सुबह-सुबह ग्रामीण नंदी बैल को विधि-विधान से स्नान कराते हैं।

स्नान के बाद उन्हें हल्दी और चंदन का लेप लगाया जाता है, जो पवित्रता और शुभता का प्रतीक है। इसके बाद भोग में मीठा परोसा जाता है। जिसमें गुड़, रोटी या अन्य पारंपरिक पकवान शामिल होते है। नंदी महाराज को भोग अर्पित करने के बाद ग्रामीण पास के शिव मंदिर में जाकर भगवान शिव को जल अर्पित करते हैं और उनकी पूजा करते हैं।

जानिए परंपरा का असली अर्थ

यहां पर नंदी बैल की पूजा वाली परंपरा का अलग महत्व है। यह परंपरा न केवल ग्रामीणों की भगवान शिव के प्रति अटूट आस्था को दर्शाती है, बल्कि पशुधन के प्रति उनके सम्मान को भी उजागर करती है। परंपरा को समझें, तो नंदी को भारतीय संस्कृति में केवल एक वाहन नहीं, बल्कि एक पवित्र जीव और शिवगणों में प्रमुख स्थान प्राप्त है। इस विशिष्ट पूजा के माध्यम से ग्रामीण यह संदेश देते हैं कि प्रकृति और उसके सभी तत्वों का सम्मान करना भी आध्यात्मिक जीवन का अंग है।

इस परंपरा की बात की जाए तो, आधुनिक युग में यह परंपरा ग्रामीण भारत में बड़े ही निष्ठा से निभाई जाती है। नंदी बैल की पूजा एक ओर तो शिवभक्ति का मार्ग है, वहीं दूसरी ओर यह पशु-कल्याण और प्रकृति के प्रति आभार का प्रतीक भी है। बदलते समय में आज भी इस प्रकार की परंपरा कायम है।

यह भी पढ़ें–विवाह में हो रही है देर तो सावन के मंगलवार को कुंवारी कन्याएं करें ये महाउपाय

51 किलो घी से होता है अभिषेक

एक अन्य परंपरा राजस्थान की राजधानी जयपुर में प्रसिद्ध है। यहां ताड़केश्वर महादेव मंदिर में भगवान शिव का अभिषेक दूध या जल से नहीं बल्कि 51 किलो घी से किया जाता है. यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है। यहां पर इस अनोखी परंपरा को लेकर यहां के लोगों का कहना है कि, जो भी व्यक्ति यहां शिवलिंग पर घी से अभिषेक करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. यही वजह है कि दूर-दूर से लोग इस अनूठे अभिषेक के लिए मंदिर पहुंचते हैं। बता दें कि, इस मंदिर की वास्तु रूपरेखा,जयपुर रियासत के प्रमुख वास्तुविद विद्याधर जी ने तैयार की थी। मंदिर के प्रांगण में स्थित भव्य पितल की नंदी महाराज की प्रतिमा भी एक खास आकर्षण है। लोग यहां पर बड़ी संख्या में पहुंचते है।

Nandi bull is worshipped before shiva puja in up and mp

Get Latest   Hindi News ,  Maharashtra News ,  Entertainment News ,  Election News ,  Business News ,  Tech ,  Auto ,  Career and  Religion News  only on Navbharatlive.com

Published On: Jul 15, 2025 | 06:59 AM

Topics:  

  • Lord Shiva
  • Religion
  • Sawan Somwar

सम्बंधित ख़बरें

1

इस बार शारदीय नवरात्र पर घर में अवश्य लगाएं ये पौधे, माता रानी की कृपा से बनेंगे बिगड़े काम

2

नवरात्रि में जलाना हो अखंड ज्योत, तो इससे जुड़े नियम जान लें, तभी मिलेगी माता की कृपा

3

नवरात्रि में पहले से लेकर नवें दिन तक मां दुर्गा को चढ़ाएं ये अलग-अलग फूल, बरसेगी माता रानी की कृपा

4

सर्वपितृ अमावस्या पर अपनी राशि अनुसार करें इन चीजों का दान, मिलेगी हर तरह की पितृ दोष से मुक्ति

Popular Section

  • देश
  • विदेश
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़

States

  • महाराष्ट्र
  • उत्तर प्रदेश
  • मध्यप्रदेश
  • दिल्ली NCR
  • बिहार

Maharashtra Cities

  • मुंबई
  • पुणे
  • नागपुर
  • ठाणे
  • नासिक
  • अकोला
  • वर्धा
  • चंद्रपुर

More

  • वायरल
  • करियर
  • ऑटो
  • टेक
  • धर्म
  • वीडियो

Follow Us On

Contact Us About Us Disclaimer Privacy Policy
Marathi News Epaper Hindi Epaper Marathi RSS Sitemap

© Copyright Navbharatlive 2025 All rights reserved.