बुधवार को कौन-से काम नहीं करने चाहिए(सौ.सोशल मीडिया)
Paush Shukla Chaturthi: बुधवार का दिन हिंदू धर्म में बुध देव और भगवान गणेश को समर्पित है। इस दिन गजानन महाराज की विशेष पूजा और व्रत रखने से बुद्धि, ज्ञान, व्यापार और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है, साथ ही बुध ग्रह से संबंधित दोषों का निवारण होता है।
बुध देव को बुद्धि, वाणी, व्यापार, शिक्षा और तार्किक क्षमता का कारक ग्रह माना गया है। मान्यता है कि यदि बुधवार के दिन सही नियमों का पालन न करने से बुध ग्रह से संबंधित दोष लगते हैं, जिससे करियर, पढ़ाई और आर्थिक स्थिति पर नकारात्मक असर पड़ता है।
पौष माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि बुधवार को पड़ रही है। इस दिन सूर्य धनु राशि में स्थित रहेंगे, जबकि चंद्रमा शाम तक मकर राशि में रहेंगे और उसके बाद कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। पंचांग के अनुसार इस दिन अभिजीत मुहूर्त नहीं है, वहीं राहुकाल दोपहर 12:21 से 1:38 बजे तक रहेगा। इस दौरान शुभ कार्यों से बचने की सलाह दी जाती है।
यदि किसी जातक की कुंडली में बुध ग्रह कमजोर है, तो बुधवार का व्रत और पूजा अत्यंत लाभकारी मानी जाती है। पौराणिक ग्रंथों में उल्लेख मिलता है कि बुधवार के दिन गणेश जी की विशेष पूजा करने से बुद्धि, ज्ञान और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।
जो लोग व्रत नहीं रख सकते, वे केवल संयम और शुद्ध आचरण अपनाकर भी बुध देव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
बुधवार के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें। पूजा स्थान को साफ कर गंगाजल से शुद्ध करें। एक चौकी पर हरा कपड़ा बिछाएं और उत्तर-पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें।
सबसे पहले भगवान गणेश को दूर्वा और पीले पुष्प अर्पित करें, फिर बुध देव को हरे वस्त्र या हरी वस्तुएं चढ़ाएं।
इसके बाद गणेश जी और बुध देव के मंत्रों का श्रद्धा भाव से जाप करें। व्रत कथा सुनें और अंत में आरती करें। पूजा के बाद प्रसाद वितरित करें और शाम को फलाहार से व्रत का पारण करें।
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बुधवार का दिन संयम, सत्य और शुद्ध आचरण का प्रतीक माना जाता है। इस दिन छोटी-सी लापरवाही भी बुध देव की नाराजगी का कारण बन सकती है। यदि नियमों का पालन श्रद्धा से किया जाए, तो बुध देव की कृपा से जीवन में बुद्धि, सफलता और समृद्धि का मार्ग खुलता है।