भारतीय शेयर बाजार (सोशल मीडिया)
नवभारत बिजनेस डेस्क : पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले का असर शेयर मार्केट पर भी देखने को मिला। शुक्रवार को मार्केट थोड़ी बढ़त के साथ खुले, लेकिन फिर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली। बाजार खुलने के कुछ मिनट बाद ही सेंसेक्स बाज़ार और बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी नीचे गिरने लगे।
सेंसेक्स 1000 से अधिक अंक क्रैश होकर 78,755 पर आ गया। जबकि निफ्टी 350 अंकों की गिरावट के साथ 23,909 का डे लो लेवल पर था। एनएसई पर 2811 स्टाॅक्स ट्रेड कर रहे थे। इनमें से 2456 लालल निशान पर थे। शुक्रवार को लोअर सर्किट वाले स्टाॅक्स की संख्या भी 100 पार कर गई है और बीएसई पर लिस्टेड सभी कंपनियों का मार्केट कैपिटलाइजेशन 9 लाख करोड़ रुपये घटकर 421.13 लाख करोड़ रुपये रह गया। जो शाम होते-होते और नीचे आ सकते हैं।
1. कश्मीर में हुए आत्मघाती हमले के बाद निवेशक पहले से और सतर्क हो गए हैं। हमले के बाद से ही मार्केट का सेंटीमेंट्स बदला हुआ है। इसके कारण शुक्रवार को भारतीय बेंचमार्क इक्विटी सूचकांकों ने शुरुआती बढ़त के बाद बड़ी गिरावट दर्ज की गई। इसका एक बड़ी वजह बदलते जियो पॉलिटिकल सिनेरियो है।
2. मार्च तिमाही की शुरुआत हो चुकी है और कंपनियों का प्रदर्शन बाजार की उम्मीदों से कमजोर रहे हैं। जिससे निवेशकों का भरोसा कम हुआ है इसके चलते इन कंपनियों के शेयर में गिरावट देखने को मिला है।
3. शेयर बाजारों में लगातार 7 दिनों तक तेजी में देखने को मिली थी। इन सात दिनों के बीच सेंसेक्स ने करीब 6200 अंक यानी 8.5 फीसदी की छलांग लगाई थी। वहीं निफ्टी ने इस दौरान 1900 अंकों पार चला गया था। ऐसे में निवेशकों बड़े स्तर पर अपने शेयर मुनाफावसूली के चक्कर में बेच दिया था, जो शेयर बाजार में आज गिरावट की बड़ी वजह है।
विशेषज्ञों के मुताबिक निफ्टी के लिए 23,800 का स्तर एक मजबूत सपोर्ट है। निफ्टी अगर इस स्तर पर टिका रहता है, तो निफ्टी बाजार में फिर से मजबूती पकड़ सकता है। वहीं ऊपर का ओर 24,400 का स्तर निफ्टी के लिए अलगे रेजिस्टेंस के रूप में काम कर सकता है।
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ऐसे समय में सरकार और भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की ओर से उठाए गए कदम महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अगर बाजार को स्थिर करने के लिए राहत पैकेज, नीतिगत स्पष्टता या ब्याज दरों में बदलाव जैसे कदम उठाए जाते हैं, तो इससे निवेशकों को विश्वास मिलता है और बाजार में रिकवरी शुरू हो सकती है।