अर्थव्यवस्था (कांसेप्ट फोटो सौ. सोशल मीडिया)
नवभारत डेस्क : पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि भारत की ऊर्जा सुरक्षा वर्ष 2027 के अनुमानित लक्ष्य से काफी पहले ही चार लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के राष्ट्रीय प्रयासों को गति देगी। इसके साथ ही पुरी ने यहां 7वें मंगलुरु साहित्य महोत्सव के एक सत्र को संबोधित करते हुए कहा है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने भारतीय अर्थव्यवस्था के वर्ष 2027 तक अपने लक्ष्य पर पहुंच जाने का अनुमान जताया है।
हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि अगर मौजूदा रफ्तार जारी रही तो भारत उससे बहुत पहले ही वहां तक पहुंच जाएगा। दुनिया में पेट्रोलियम उत्पादों की कोई कमी नहीं है।दरअसल कुछ तेल उत्पादक और निर्यातक देश अपने लाभ के लिए गिरोहबंदी कर जीवाश्म ईंधन को ‘अल्पकालिक संसाधन’ के रूप में पेश करते हैं, और आगे कहा है कि भारत ने अपनी तेल रिफाइनरी क्षमता को 50 लाख बैरल से बढ़ाकर 54 लाख बैरल प्रतिदिन कर दिया है।
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इसके साथ ही स्थापित क्षमता को 60-70 लाख बैरल प्रतिदिन तक बढ़ाने की गुंजाइश बनी हुई है। पश्चिम एशिया के पारंपरिक बाजारों के साथ भारत अब रूस के साथ अमेरिका और सूरीनाम से भी कच्चे तेल का आयात करता है। ‘ईंधन प्रचुरता परिदृश्य’ की दावा करते हुए हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि अमेरिका तेल बाजार में 1.3 करोड़ बैरल डालेगा। भारतीय उपभोक्ताओं के लिए उपलब्धता और चुनौतियां चिंताजनक हैं।
केंद्रीय मंत्री ने ये भी कहा है कि हरित ऊर्जा स्रोत के विकास और उपयोग ने भी कई क्षेत्रों में वृद्धि को बढ़ावा देना शुरू कर दिया है। महोत्सव के 7वें संस्करण का उद्घाटन प्रसिद्ध कन्नड़ लेखक एस एल भैरप्पा ने टीएमए पई सभागार में किया। इसके उद्घाटन के बाद पुरी ने भारत की ऊर्जा सुरक्षा पर मुख्य संबोधन दिया।