भिवंडी कचरा गाड़ियों से प्रदूषण (pic credit; social media)
Dilapidated Garbage trucks in Bhiwandi: भिवंडी की आबोहवा अब गंभीर संकट में है। मनपा प्रशासन हर महीने करोड़ों रुपए खर्च कर स्वच्छता मुहिम चला रहा है, लेकिन कचरा ठेकेदारों की लापरवाही और खस्ताहाल गाड़ियों की वजह से शहरवासियों को सांस लेने में मुश्किल हो रही है।
बगैर नंबर और खराब हालात वाली भंगार गाड़ियां शहर की गलियों में कचरा ढो रही हैं। इन गाड़ियों से निकलती बदबू और कार्बन डाई ऑक्साइड से नागरिकों में दमा और अन्य श्वास संबंधी बीमारियां बढ़ रही हैं।
भिवंडी मनपा क्षेत्र में प्रतिमाह 3 करोड़ रुपए की राशि कचरा ढुलाई के ठेकेदारों को भुगतान की जाती है, लेकिन स्थिति में कोई सुधार नहीं हो रहा। शहर में प्रतिदिन 400 टन से अधिक सूखा और गीला कचरा निवासी सोसाइटियों, दुकानों, होटलों और पावरलूम उद्योगों से निकलकर रामनगर चाविंद्रा डंपिंग ग्राउंड में पहुंचाया जाता है।
समाजसेवी परमेश्वर अंभोरे का कहना है कि ठेकेदार मनपा द्वारा निर्धारित नियमों की खुलेआम अवहेलना कर रहे हैं। ट्रक और घंटा गाड़ियों में कोई मेंटेनेंस नहीं होने से साइलेंसर फटा होता है और इंजन से निकलने वाली कार्बन डाई ऑक्साइड हवा को जहरीली बना रही है। इन गाड़ियों के ब्रेक फेल होने से दुर्घटनाओं का भी खतरा बना रहता है।
मनपा अधिकारियों का आरोप है कि प्रशासन इस पर आंखें बंद किए हुए है और ठेकेदारों से पैसे की वसूली कर उनकी कार्यप्रणाली को नजरअंदाज कर रहा है। इस वजह से शहर में स्वच्छ हवा की सुविधा खत्म हो चुकी है और नागरिकों का स्वास्थ्य लगातार प्रभावित हो रहा है।
भिवंडी की आबोहवा को स्वच्छ बनाने और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अब प्रशासन को ठोस कदम उठाने की जरूरत है। नियमों का उल्लंघन रोकना, खस्ताहाल वाहनों को हटाना और ठेकेदारों पर कड़ी कार्रवाई करना अनिवार्य है। शहरवासियों की जिंदगी और स्वास्थ्य पर खिलवाड़ अब बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।