बैन होने पर भी बिक रही चाइना की ई - सिगरेट
नागपुर: पब-बार कल्चर के दौर में तरह-तरह का नशा शहर में अपने पैर फैला रहा है। अफसरों की लापरवाही के चलते इन्हीं में से एक इलेक्ट्रिक सिगरेट (वेप) खुलेआम बिक रही है। चायना से आने वाली बैन ई-सिगरेट युवाओं को अपनी गिरफ्त में ले रही है। इससे फेफड़ों में गंभीर बीमारी होने का खतरा है। प्रतिबंध के बाद भी यह आसानी से मिल रही है। सड़क से लेकर पब-बार में युवा धुएं के छल्ले उड़ाते देखे जा सकते हैं। पुलिस, प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को इस पर रोक लगानी है, लेकिन पान दुकान, जनरल स्टोर, इलेक्ट्रॉनिक एसेसरीज की दुकानों पर ई-सिगरेट मिल रही है।
लिक्विड निकोटिन, बिजली से चार्जिंग
पेन, पेन ड्राइव, सिगार, पाइप जैसे आकार में ई-सिगरेट मिल रही है। यह बैटरी से चलती है। इसे बिजली से चार्ज करने के लिए चार्जिंग पाइंट होता है। इसमें लिक्विड निकोटिन, प्रोपाइल अल्कोहल, लेवर आदि होता है। ई-सिगरेट 1200 रुपए से लेकर 5 हजार तक में बेची जा रही है।5 हजार से लेकर 30 हजार पफ (कश) एक सिगरेट में होते हैं। शीशे की तर्ज पर भी इसे उपयोग किया जा रहा है। क्योंकि इसमें स्ट्रॉबेरी, चेरी, इलायची, पुदीना, वाटर मेलन और तंबाकू जैसे कई लेवर होते हैं।
गली-गली में खुल रहे हुक्का पार्लर
धुएं उड़ाने का शौक युवाओं में इस कदर बढ़ गया है कि गली-गली में इसका फैलाव हो गया है। कई प्रमुख चौक चौराहों में भी हुक्का पार्लर चल रहे हैं। कहने को यह केवल फ्लेयर उपलब्ध कराने की बात करते हैं, लेकिन शहर में कई पार्लर में देखा गया है कि वहां पर नशे के तमाम चीजें उलब्ध कराई जाती है। एमडी से लेकर गांजा तक और फिर तंबाखू भी यहां मिल रहा है। इसके पहले भी कई बार छापेमारी में इसका खुलासा हो चुका है। बावजूद इसके फिर से सब कुछ ‘खुलेआम’ हो गया है। उदासीनता के पीछे एक कारण अब यह बताया जा रहा है कि इस पेशे में कई ‘प्रभावशाली’ और बड़े लोग भी कूद गए हैं। पार्टनरशिप में ये कारोबार को आगे बढ़ा रहे हैं। और यही कारण है कि गलत होता हुआ देखकर भी ‘खामोशी’ छाई हुई है।
हुक्का पार्लर में समय की पाबंदी नहीं
हुक्का पार्लर की दबंगई इतनी बढ़ गई है कि रात-2-3 बजे तक संचालित करते हैं। इनके लिए न नियम है और न ही कानून। अमूमन इन पार्लर से निकलने के बाद ‘सड़कों पर मजमा भी जमता है और कई बार मारपीट तक की शिकायतें भी सामने आती हैं। पूछताछ में पता चला है कि पब, हुक्का पार्लर से ये निकले हैं। इसके बाद भी संचालकों पर ‘अंकुश’ लगाने में सफलता नहीं मिलती है। किस मजबूरी में ‘युवाओं’ को ‘मौत’ के मुंह में धकेला जा रहा है। यह प्रशासन ही बेहतर तरीके से बता सकता है।
एमडी सप्लाई का प्रमुख केंद्र
पिछले कुछ समय से शहर में एमडी पकड़े जाने की खबर काफी आ रही है। सूत्रों की माने तो हुक्का पार्लर इनके लिए ‘आइडियल’ स्थान बन गया है, क्योंकि युवाओं की सर्वाधिक भीड़ इन दिनों ऐसे ही स्थानों पर देखने को मिलती है। एक-एक पार्लर में सैकड़ों की संख्या में ‘यूथ’ नजर आ जाते हैं। लेकिन सब कुछ ‘धुएं’ में खो गया है।
CM का आदेश भी हवा-हवाई
सीएम देवेंद्र फडणवीस ने पिछले माह हुक्का पार्लर को तत्काल से बंद करने का आदेश दिया था। एक दिन इसका पालन किया गया। पुलिस हरकत में आई कोई कारोबार नहीं हुआ। दुकानदारों ने भी सतर्कता बरती, लेकिन अब वे पूरी तरह से बिंदास हो गए हैं, क्योंकि उन्हें पता चल गया है कि पुलिस कोई कदम उठाने वाली नहीं है। पुलिस विभाग ने सीएम के आदेश को भी कूड़ेदान में डालने का काम कर दिया है।