राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप खेल रहे है गोल्ड कार्ड का गेम (सौ.डिजाइन फोटो)
नवभारत डिजिटल डेस्क: अवैध रूप से आए भारतीयों को हथकड़ी-बेड़ी लगाकर सैनिक वाहनों में ठूंस कर भेजनेवाले अमेरिकी राष्ट्रपति अब धनवान लोगों को खुला न्योता दे रहे हैं कि 5 मिलियन डॉलर या 44 करोड़ रुपए दो और अमेरिकी नागरिकता हासिल करो. इससे विदेशी निवेशकों को आसानी से जाकर बसने का मौका मिल जाएगा. ट्रंप की व्यवसायी प्रवृत्ति इससे झलकती है। वह मानते हैं कि गोल्ड कार्ड स्कीम के तहत ऐसे सफल लोग आएंगे जो अमेरिका में रोजगार व अर्थव्यवस्था को मजबूती देंगे।
यह गोल्ड कार्ड योजना 35 वर्ष पुरानी ईबी-5 वीजा योजना का स्थान लेगी. ईबी-5 के तहत वीजा पाने के लिए 8.75 करोड़ रुपए का निवेश करना पड़ता था. प्रथम चरण में 10 लाख गोल्ड कार्ड जारी किए जाएंगे जिसे बाद में बढ़ाकर 1 करोड़ कर दिया जाएगा. ईबी-5 वीजा धारक के लिए बाध्यता थी कि वह अमेरिका के कम से कम 10 लोगों को रोजगार देगा. ऐसी कोई शर्त गोल्ड कार्ड में नहीं रखी गई. यह सीधे-सीधे 5 मिलियन डॉलर देकर ग्रीन कार्ड की खरीदी है. अमेरिका में वह भारतीय भाग्यशाली हैं जिन्हें पहले ग्रीन कार्ड और फिर अमेरिकी नागरिकता मिल गई है. उन्होंने अपना भारतीय पासपोर्ट सरेंडर कर अमेरिकी पासपोर्ट हासिल कर लिया है।
इसके विपरीत फिलहाल अमेरिका में ग्रीन कार्ड की प्रतीक्षा सूची में 10,00,000 भारतीय हैं ग्रीन कार्ड का अर्थ अमेरिका में वैध रूप से स्थायी निवास तथा नौकरी या व्यवसाय करने का अधिकार है. जब नागरिकता मिल जाती है तो व्यक्ति को वह सारे मूलाधिकार मिल जाते हैं जो अमेरिका के तमाम नागरिकों को वहां के संविधान ने उपलब्ध कराए हैं. दलील है कि गोल्ड कार्ड के जरिए ऐसे हाई नेटवर्थ लोग अमेरिका आएंगे जो रियल एस्टेट, लग्जरी मार्केट और व्यापार-व्यवसाय में इन्वेस्टमेंट करेंगे. यहां तक कि रूसी और शायद चीनी अरबपति भी अमेरिकी नागरिकता खरीदना चाहेंगे. इसमें मनी लांड्रिंग व विदेशी प्रभाव बढ़ने का खतरा भी है जिसकी ट्रंप अनदेखी कर रहे हैं।
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2023 में ईबी-5 प्रोग्राम के तहत केवल 631 भारतीयों को कान्सुलर प्रोसेसिंग द्वारा (वाणिज्य दूत के मार्फत) ग्रीन कार्ड जारी किया गया था. ट्रंप की गोल्ड कार्ड स्कीम को अमेरिकी कांग्रेस (संसद) की मंजूरी लेनी होगी. यद्यपि ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी की दोनों सदनों-सीनेट और हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में मेजारिटी है लेकिन फिर भी सभी रिपब्लिकन नहीं चाहेंगे कि उन्हें नागरिकता बिक्री का गुनहगार माना जाए. डेमोक्रेटिक पार्टी के सदस्य इस स्कीम का विरोध करेंगे. ईबी-5 कार्यक्रम को समाप्त करने से ऐसे कुशल पेशेवरों को नुकसान हो सकता है जो ग्रीन कार्ड बैकलॉग में फंसे हुए हैं और लंबे समय से अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं।
लेख- चंद्रमोहन द्विवेदी के द्वारा