(फाइल फोटो)
जमशेदपुर : केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि भारत 2047 तक 30 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा। उन्होंने कहा कि दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था भारत वर्तमान में पांचवें स्थान पर है और अगले तीन सालों में यह तीसरे स्थान पर पहुंच जाएगा। वे शनिवार को जमशेदपुर में एक्सएलआरआई-स्कूल ऑफ मैनेजमेंट के साल भर जारी रहने वाले प्लेटिनम जुबली समारोह के समापन समारोह में बोल रहे थे।
समारोह को संबोधित करते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि 75 साल पहले जब एक्सएलआरआई अस्तित्व में आया था, तब दुनिया आर्थिक मोर्चे पर भारत को जानती तक नहीं थी लेकिन आज हम तीन लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर के साथ दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती और पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं।
देश में रोजगार बढ़ाने की जरूरत
अपने भाषण में दावा करते हुए उन्होंने कहा कि, ‘‘हम अगले तीन सालों में पांच लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर के साथ दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होंगे।” उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था 2047 तक 30 लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर तक बढ़ने की उम्मीद भी जताई। उन्होंने कहा कि भारत को धन और रोजगार सृजनकर्ता बनना होगा। उन्होंने कहा, ” हमारे पास लाखों रोजगार सृजन की क्षमता है। दुनिया डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के लिए भारत की ओर देख रही है। दुनिया में 46 प्रतिशत डिजिटल लेनदेन हमारे देश में होते हैं। हम सेवा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन गए हैं।” नई शिक्षा नीति को लेकर केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस नीति का मकसद धन और रोजगार सृजन करना है।
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केंद्रीय शिक्षा मंत्री का यह बयान ऐसे वक्त में आया जब इन दिनों कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल विकास दर में गिरावट को लेकर लगातार केंद्र सरकार पर निशाना साध रहे हैं। बीते शनिवार को कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने आरोप लगाते हुए कहा था कि केंद्र सरकार आर्थिक मामलों में लगातार विफल साबित हो रही है। उन्होंने देश में निजी निवेश में आ रही कमी, महंगाई और विनिर्माण क्षेत्र में सुस्ती के लिए वर्तमान सरकार को जिम्मेदार ठहराया।
(एजेंसी इनपुट के साथ)