कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (सोर्स-सोशल मीडिया)
रांची: लोकसभा में विपक्ष के नेता और यूपी के रायबरेली से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले शनिवार को रांची में संविधान सम्मान सम्मेलन में शिरकत की। यहां से उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधा है। शनिवार को रांची में संविधान सम्मान सम्मेलन में उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी आदिवासियों की जमीन छीनना चाहती है और उनकी पहचान मिटाना चाहती है।
लोकसभा में विपक्ष के नेता और यूपी के रायबरेली से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी पर निशाना साधा है। शनिवार को रांची में संविधान सम्मान सम्मेलन में उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी आदिवासियों की जमीन छीनना चाहती है और उनकी पहचान मिटाना चाहती है।
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भाषण के दौरान राहुल गांधी ने इशारों-इशारों में चुनाव आयोग पर भी कटाक्ष किया। उन्होंने बीजेपी को घेरते हुए संविधान पर कहा कि संविधान 70-80 साल पुराना नहीं है। संविधान बनाने के पीछे की सोच हजारों साल पुरानी है। ये जो लड़ाई चल रही है, वो भी हजारों साल पुरानी है। जो लड़ाई चल रही है वो संविधान और मनुस्मृति के बीच है। उन्होंने कहा कि जब मैंने देश के सबसे अमीर लोगों की लिस्ट देखी तो उसमें दलितों, आदिवासियों और ओबीसी का नाम नहीं था। वही लोग हलवा बांट रहे हैं और वही लोग हलवा खा रहे हैं।
राहुल गांधी ने दावा किया कि राष्ट्रपति आदिवासी हैं। पहली बार एक आदिवासी राष्ट्रपति बना लेकिन जब संसद का उद्घाटन हुआ और राम मंदिर का उद्घाटन हुआ तो उन्हें नहीं बुलाया गया। ऐसा इसलिए क्योंकि वे आदिवासी हैं। उनकी जगह बड़े-बड़े उद्योगपतियों को बुलाया गया, क्या यह संविधान का अपमान नहीं है?
कांग्रेस सांसद ने कहा कि चुनाव आयोग भी संविधान की रक्षा नहीं कर रहा है। भाजपा देश की सभी एजेंसियों को नियंत्रित कर रही है। चुनाव से पहले विपक्ष ने कहा था कि भाजपा संविधान पर हमला कर रही है और जनता ने उन्हें इसका जवाब दिया, फिर चुनाव के बाद नरेंद्र मोदी को भी संविधान को सिर पर रखना पड़ा। आजकल मोदी जी मुस्कुराते नहीं हैं, अब उन्होंने मुस्कुराना भी बंद कर दिया है।
हमें समाज का एक्स-रे चाहिए और जाति जनगणना इसे करने का काम करेगी। हमें इसके जरिए सामाजिक न्याय देना है। हम जाति जनगणना करवाएंगे और 50 प्रतिशत आरक्षण की बाधा को भी तोड़ेंगे, भाजपा चाहे कुछ भी कर ले, हम जाति जनगणना करवाएंगे।
राहुल गांधी ने कहा कि जब भाजपा के लोग आदिवासियों को वनवासी कहते हैं, तो वे क्या करना चाहते हैं? वे आपके जीवन के तरीके, इतिहास, विज्ञान को नष्ट करने की कोशिश कर रहे हैं, जिसका आप हजारों सालों से पालन करते आ रहे हैं। आदिवासी का मतलब है जो पहले मालिक थे, जबकि वनवासी का मतलब है जो जंगल में रहते हैं। जब इस शब्द का इस्तेमाल किया जाता है, तो यह सिर्फ एक शब्द नहीं होता है। यह आपका पूरा इतिहास होता है।
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कांग्रेस सांसद ने आगे कहा कि मैंने भारत की शिक्षा प्रणाली में अध्ययन किया है। आदिवासियों के बारे में आपको सिर्फ 10-15 लाइन ही मिलेंगी। उनका इतिहास क्या है, उनकी जीवन शैली क्या है। उसके बारे में कुछ नहीं लिखा जाता है, आपके लिए ओबीसी शब्द का इस्तेमाल किया जाता है। क्या यही आपका नाम है? किसने कहा कि आप पिछड़े हैं? आपको आपके अधिकार नहीं दिए जाते हैं। इस देश को बनाने वाले लोगों यानी किसान, मजदूर, बढ़ई, नाई, मोची का इतिहास कहां है?